मिस्र: सेना ने सत्ता परिवर्तन की चेतावनी का खंडन किया

मिस्र: सेना ने सत्ता परिवर्तन की चेतावनी का खंडन किया

मिस्र: सेना ने सत्ता परिवर्तन की चेतावनी का खंडन किया काहिरा : मिस्र की सेना ने मंगलवार को यहां जारी नए बयान में कहा कि राजनीतिक ताकतों को सुलह करने और मौजूद संकट को समाप्त करने के लिए दिया गया 48 घंटों का अल्टीमेटम ‘सत्ता परिवर्तन की चेतावनी’ नहीं है बल्कि इसका मकसद मसले का तेज़ी से हल ढूंढना है।

सेना ने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए बयान में कहा कि मिस्र के सैन्य बलों के सिद्धांत उसे सत्ता परिवर्तन की मंजूरी नहीं देते हैं और यह अल्टीमेटम इसलिए जारी किया गया था ताकि राजनेताओं पर गतिरोध का तेज़ी से समाधान खोजने का दबाव बनाया जाए। सेना ने कहा कि सेना न तो शासक है और न ही राजनीतिक परिदृश्य का हिस्सा है। वह खुद को दी गई जिम्मेदारी को नहीं छोड़ेगी।

सेना ने इससे पहले जारी अपने बयान में राजनीतिक ताकतों को चेतावनी दी थी कि यदि वे 48 घंटे में समाधान नहीं खोज पाए तो वह दखल देगी। इस बीच सलाफी नूर पार्टी के सहायक महासचिव शाबान अब्देल अलीम ने कहा कि सेना का कल जारी पहला बयान अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि हमें सैन्य शासन की वापसी का डर है। समय सीमा पर्याप्त नहीं है। इस बीच सेना के बयान का स्वागत करते हुए ‘तामरोद’ मुहिम के संस्थापक महमूद बद्र ने कहा कि हम मिस्र की महान सेना और उसके बयान को सलाम करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सेना को लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के लिए भी सलाम करते हैं। उसने सत्ता और राजनीति का हिस्सा होने से इनकार कर दिया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 2, 2013, 11:49

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