Last Updated: Friday, August 16, 2013, 12:39

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद ने मिस्र सरकार और मुस्लिम ब्रदरहुड से ‘अधिकतम संयम’ बरतने और देश भर में फैली हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया है।
परिषद के सदस्यों ने मिस्र में हुई मौतों पर दुख जताया और वहां राष्ट्रीय सुलह का भी आह्वान किया। परिषद के अध्यक्ष अर्जेंटीनियाई राजदूत मरिया क्रिस्टीना पर्सेवल ने कल हुई एक आपात बैठक के बाद परिषद के सदस्यों की ओर से यह विचार व्यक्त किए।
संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव जैन एलियासन ने मिस्र सरकार द्वारा अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के घातक दमन के बाद वहां फैली अशांति से परिषद सदस्यों को अवगत कराया, जिसके बाद पर्सेवल ने संवाददाताओं से बात की।
पर्सेवल ने कहा कि परिषद के सदस्यों ने सर्वप्रथम वहां हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सदस्यों का मानना है मिस्र में हिंसा खत्म करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए दोनों ही पक्षों को अधिकतम संयम बरतना चाहिए। वहां हिंसा को रोकने और राष्ट्रीय सुलह बढ़ाने की आम इच्छा थी।
सुरक्षा परिषद की इस बैठक में रूस और चीन ने मिस्र के आतंरिक मामलों में सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप का विरोध किया। इन दोनों सदस्य देशों के इस रुख की आंशिक वजह चेचन्या और तिब्बत जैसे उनके आंतरिक विवादों को माना जा रहा है। राजनयिक ने कहा कि परिषद के कई सदस्य देश इस हिंसा की निंदा करते हुए एक बयान जारी करने को लेकर दबाव बना रहे थे, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया। वहीं ब्रिटेन, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने परिषद की बैठक बुलाने का संयुक्त रूप से अनुरोध किया।
ब्रिटेन के उप राजदूत फिलिप परहम ने कहा कि वहां के हालात, जो कि जाहिर तौर पर गंभीर चिंता का विषय है, से परिषद को अवगत कराने की जरूरत है।
इससे पहले तुर्की के प्रधानमंत्री रेसेप तैयप ने पश्चिमी देशों पर इस हिंसा की अनदेखी करने का आरोप लगाया था और मिस्र के हालात पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की तुरंत एक बैठक बुलाने का आह्वान किया था। गौरतलब है कि मिस्र में प्रदर्शन कर रहे मुर्सी समर्थकों पर दंगा निरोधी पुलिस की कार्रवाई में अब तक कम से कम 638 लोग मारे गए हैं और 4,000 से अधिक घायल हुए हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 16, 2013, 12:39