Last Updated: Tuesday, April 9, 2013, 20:29

नई दिल्ली : केरल तट के निकट भारतीय मछुआरों की दो इतालवी नौसैनिकों द्वारा कथित रूप से हत्या किये जाने के मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून के उस कडे प्रावधान को छोड सकती है, जिसके तहत हत्या के दोषी को मौत की सजा मिलती है ।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत किया कि एनआईए ने ‘सप्रेशन आफ अनलाफुल एक्ट्स अगेन्स्ट सेफ्टी आफ मैरीटाइम नेवीगेशन एंड फिक्स्ड प्लेटफाम्र्स आन कांटिनेंटल शेल्फ एक्ट 2002’ के तहत मरीन के खिलाफ कार्रवाई की थी । आरोपपत्र दाखिल करते समय इस आरोप को छोडा जा सकता है ।
इस कानून के तहत हत्या के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान है । एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए मरीन को मौत की सजा की मांग नहीं करेगी । भारत ने इटली को यही आश्वासन दिया है कि भले ही मरीन हत्या के दोषी साबित हों, उन्हें मौत की सजा नहीं दी जाएगी ।
अधिकारियों ने कहा कि मौत के आरोप से बचने के लिए पांच दशक पुराने प्रत्यर्पण कानून के विशेष प्रावधान से मरीन को फायदा नहीं होगा क्योंकि वे न तो भगोडे हैं और न ही उन्हें इटली से प्रत्यर्पित कर लाया गया है ।
अधिकारियों ने कहा कि इटली को भारत ने जो आश्वासन दिया है, उसका सम्मान किया जाएगा ।
इटली से दोनों मरीन के 22 मार्च को लौटने के बाद विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद में कहा था कि भारत ने इटली को आश्वासन दिया है कि दोनों मरीन को मौत की सजा नहीं मिलेगी और उच्चतम न्यायालय द्वारा तय समयसीमा के भीतर लौटने पर उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जाएगा । इटली द्वारा इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद भारत ने उक्त आश्वासन दिया था ।
खुर्शीद ने यह भी कहा था कि यह मामला ऐसी श्रेणी में नहीं आता, जिसमें मौत की सजा दी जाती हो यानी कि मौत की सजा दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में दी जाती है इसलिए इस संबंध में कोई आशंका पालने की जरूरत नहीं है ।
इस बीच सरकारी सूत्रों ने बताया कि यदि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं पाये गये तो आरोपपत्र में वे आरोप छोडे जा सकते हैं, जिनका जिक्र प्राथमिकी में है ।
मामले में गतिरोध उस समय आया था जब इतालवी राजदूत की गारंटी पर उच्चतम न्यायालय द्वारा मतदान के लिए स्वदेश भेजे गये दोनों मरीन को इटली ने भारत भेजने से इंकार कर दिया था लेकिन भारत द्वारा कडा रूख अपनाये जाने के बाद वह दोनों को वापस भारत भेजने पर राजी हो गया । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 9, 2013, 20:29