Last Updated: Thursday, April 25, 2013, 19:39

भोपाल : कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में अब विधानसभा व लोकसभा के उम्मीदवार जमीनी स्तर के चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ता की सलाह पर तय किए जाएंगे। मध्य प्रदेश के दूसरे दिन गुरुवार को राजधानी भोपाल में निर्वाचित पंचायत व नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केरल व असम में हमारी स्थिति मजबूत है, क्योंकि वहां निचले स्तर के चुनाव जीतने वाले ही लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ते हैं। निचले स्तर का चुनाव लड़ने वाले को स्थानीय समस्याओं व मुद्दों की समझ होती है। यह समझ सांसद व विधायक में नहीं होती।
पंचायत व नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों की समझ की सराहना करते हुए गांधी ने कहा कि मैं केंद्र की योजनाएं, नीति और मनरेगा को जानता हूं मगर स्थानीय मामलों में पंचायत व नगरीय प्रतिनिधि कहीं ज्यादा जानते हैं, यह बात मुझे अमेठी में होने वाली बैठकों में पता चलती है।
राहुल ने इन प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे संगठन में आवाज बनें, क्योंकि वे ही संगठन व पार्टी की रीढ हैं, और आप ही जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ते हैं। आज सांसद व विधायक और प्रतिनिधियों के बीच खाई है। इसे खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगामी समय में उम्मीदवारी तय करने में प्रतिनिधियों की राय को अहमियत दी जाएगी। वे मानते हैं कि टिकट वितरण में वरिष्ठ नेताओं की भी बात सुनी जाए मगर उसमें आपकी भी आवाज हो। टिकट वितरण के मसले पर गांधी ने कहा कि चुनाव से काफी पहले टिकट का वितरण कर दिया जाएगा, तीन से चार बार चुनाव हार चुके लोगों को टिकट नहीं दिए जाएंगे और बाहरी लोगों को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।
गांधी ने राज्य में बढ़ती गुटबाजी की ओर इशारा करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तभी हराया जा सकता है जब नेता और कार्यकर्ता मिलकर लड़ेंगे। यहां कांग्रेस को पूरी ताकत से चुनाव लड़कर जीतना है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 25, 2013, 19:39