Last Updated: Sunday, December 11, 2011, 14:20
नई दिल्ली : दिल्ली में अन्ना हजारे के एक दिवसीय अनशन के दौरान हुई खुली बहस के दौरान विभिन्न दलों के नेताओं ने अन्ना पक्ष के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा, हालांकि सभी पार्टियों ने अन्ना के जनलोकपाल के अधिकांश मुद्दों का समर्थन किया।
खुली बहस के खत्म होने के बाद केजरीवाल ने वहां उपस्थित नेताओं से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा। इस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने माइक अपने हाथ में ले लिया और कहा कि लोकपाल विधेयक पर चर्चा संसद पर छोड़ दीजिए।
जब राजा ने माइक अपने हाथ में लिया तो उस वक्त केजरीवाल बोल रहे थे। केजरीवाल की बात से नाखुश भाजपा नेता अरूण जेटली ने कहा कि नेताओं ने बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की है और हजारे पक्ष की ज्यादातर मांगों पर सहमति जताई है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष जेटली ने कहा, हमने लोकपाल से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की है। हमने ज्यादातर मुद्दों पर अपनी राय दे दी है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि एक मजबूत और प्रभावी लोकपाल बनना चाहिए। इसके लिए हम भरपूर प्रयास करेंगे, लेकिन कुछ मुद्दों पर चर्चा संसद के लिए छोड़ देनी चाहिए। इसके बावजूद केजरीवाल ने राजनीतिक दलों पर रुख स्पष्ट करने का दबाव बनाना चाहा, लेकिन बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि स्थायी समिति की ओर तैयार मसौदा पत्थर की लकीर नहीं है, जिसे संसद बदल नहीं पाएगी।
मिश्रा ने कहा, पूरी व्यवस्था को पीछे नहीं खींचा जा सकता। इसे आगे की ओर बढ़ाना है। विस्तृत तौर पर संसद में चर्चा होगी। माकपा की नेता वृंदा करात ने कहा कि केजरीवाल की ओर से उठाए गए मुद्दों पर संसद के सदस्य विस्तृत तौर पर चर्चा करेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 11, 2011, 19:51