Last Updated: Sunday, December 30, 2012, 22:52

नई दिल्ली : दिल्ली में गैंगरेप की शिकार युवती की मौत को ‘पूरे राष्ट्र के लिए स्तब्धकारी’ करार देते हुए भाजपा ने इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन पर लगाई गई ‘आपातकाल जैसी’ पाबंदी को नामंजूर करते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानून बनाया जा सके।
पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी ने सवाल किया कि इस तरह से जल्दबाजी में अंत्येष्टि करने की क्या जरूरत थी। भाजपा ने यह भी कहा कि संसद में इस विषय पर उपयुक्त ढंग से चर्चा कराने से निश्चित तौर पर देश की इस बहादुर बेटी के बलिदान के बाद देश में व्यक्त असंतोष और गंभीर पीड़ा को दूर करने में मदद मिलेगी।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी यह आश्वासन देती है कि वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ ऐसे सभी विधायी पहल में सहयोग करेगी जो महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े कानून को मजबूत बनाने और इन जघन्य अपराधों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से संबंधित हों। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार को इस विषय पर जल्द से जल्द उपयुक्त प्रतिक्रिया देनी चाहिए और देश की गंभीर चिंताओं को दूर करना चाहिए। यह जरूरी है कि जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए जिसकी मांग हम कुछ समय से कर रहे हैं।’
दिल्ली को छावनी में बदलने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए प्रसाद ने कहा कि प्रशासन के गलत कदम से हमें आपातकाल के दिनों की याद ताजा हो जाती है, साथ ही कहा कि स्तब्ध राष्ट्र को अपनी पीड़ा, नाराजगी और क्षोभ व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली को इस तरह से सीलबंद क्यों कर दिया गया है? दिल्ली को छावनी में क्यों बदला जाए और हमें आपातकाल के दिनों की याद दिलायी जाए। यह ठीक नहीं है।’
प्रसाद ने कहा, ‘मेट्रो को बंद कर दिया गया है, लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। मैं समझता हूं कि स्तब्ध राष्ट्र के लोग अपनी पीड़ा, नाराजगी और क्षोभ व्यक्त करने के हकदार हैं।’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सार्वजनिक रूप से कह चुकी हैं कि गृह मंत्रालय की सिफारिश पर बलात्कार एवं हत्या मामले में फांसी की सजा प्राप्त कुछ अपराधियों की सजा को उम्रकैद या ऐसी ही हल्की सजा में परिवर्तित किया गया। उन्होंने कहा कि देश आज जानना चाहता है कि सरकार ने ऐसे अपराधियों की सजा को हल्का करने की सिफारिश क्यों की। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 30, 2012, 22:52