Last Updated: Wednesday, September 18, 2013, 18:03
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 1997 बम विस्फोट मामले में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा को आज 10 दिन की पुलिस हिरासत में दे दिया।
भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को मदद करने से संबंधित एक अन्य मामले में पुलिस हिरासत समाप्त होने पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने टुंडा को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन के सामने पेश किया।
विशेष शाखा ने कहा कि उन्हें अवैध घुसपैठ के मामले में टुंडा से हिरासत में और पूछताछ करने की जरूरत नहीं है लेकिन उससे वर्ष 1997 बम विस्फोट मामले में पूछताछ करनी है। पुलिस ने अदालत को बताया कि टुंडा को पहले 1997 के सदर बाजार विस्फोट मामले में घोषित अपराधी करार दिया गया था और उन्हें आतंकवादी हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए उससे लगातार हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।
सदर बाजार इलाके में 1 अक्तूबर, 1997 को एक जुलूस के पास हुए दो विस्फोटों में 30 लोग जख्मी हो गये थे। पुलिस ने कहा कि उन्हें विस्फोट की साजिश में शामिल अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में पता लगाने के लिए टुंडा से पूछताछ की जरूरत है।
अदालत ने कहा, ‘आरोपी टुंडा को उससे लगातार पूछताछ के लिए तथा साजिश के तारों और आतंकवादी संगठनों एवं वित्तपोषकों के साथ आरोपियों के तारों का खुलासा करने के लिए उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा जाता है।’ 70 वर्षीय टुंडा को 16 अगस्त को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। उसे देशभर में बम विस्फोट के 37 मामलों में पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
टुंडा को 37 बम विस्फोटों के सिलसिले में 1998 में गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिकों को दिये गये विस्फोटकों के स्रोत का पता लगाने के लिए 7 सितंबर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 18, 2013, 18:03