Last Updated: Sunday, March 24, 2013, 18:39

तिरुवनंतपुरम : रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने यह साफ किया है कि राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस नीत लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने अपनी पूर्व की गलतियों से सबक लिया तो यह उसके लिए लाभकारी रहेगा। यहां संवाददाताओं से बातचीत में एंटनी ने कहा, `जब गठबंधन की सरकार हो तो मुद्दों का उठना स्वाभाविक है, लेकिन उस स्थिति में सभी को पुराने अनुभवों से सबक सीखना चाहिए।`
एंटनी को गठबंधन सरकार और उसकी मजबूरियों का अच्छा अनुभव है। वे राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2001-04 के दौरान राज्यसभा चुनाव में उन्हीं की पार्टी के नेता के. करुणाकरण ने विद्रोही प्रत्याशी खड़ा कर दिया था और इसको लेकर पार्टी में गंभीर मतभेद पैदा हो गया था।
कांग्रेस के भीतर चल रही रस्साकशी की चरम स्थिति में राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने अग्निशामक की भूमिका निभाई थी और पर्दे के पीछे से काम करते हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दोनों अधिकृत प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराई थी।
2004 के लोकसभा चुनाव में यूडीएफ में मतभेद के चलते पहली बार कांग्रेस राज्य में एक भी सीट नहीं जीत पाई। राज्य की 20 में से 18 सीटों पर वाममोर्चा ने, जबकि एक सीट इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और एक सीट नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने जीती थी। इस शर्मनाक पराजय के बाद एंटनी ने मुख्यमंत्री का पद त्याग दिया और इसके बाद चांडी मुख्यमंत्री बने। एक साल बाद एंटनी केंद्र में रक्षा मंत्री बने और उन्होंने राज्य की राजनीति से खुद को दूर कर लिया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 24, 2013, 18:39