बीच नदी में खनन पर प्रतिबंध की सिफारिश

बीच नदी में खनन पर प्रतिबंध की सिफारिश

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में अवैध खनन के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों की पड़ताल करने वाली एक केंद्रीय समिति ने नदियों में सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करने और नदी के बीच में से खनन पर प्रतिबंध की सिफारिश की है।

पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन को सौंपी गयी रिपोर्ट में समिति ने पाया कि जिले में यमुना नदी के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर ‘धड़ल्ले से गैर वैज्ञानिक और गैरकानूनी तरीके से’ खनन हो रहा है। खनन के कारण पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान पर नियंत्रण के लिए आगे की कार्रवाई की सिफारिश करते हुए समिति ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले वर्ष 27 फरवरी के दिशा निर्देशों के अनुसार ‘सभी राज्य सरकारों को छह महीने की अवधि के भीतर लौह अयस्क और खनिज रियायत नियम बनाने होंगे और उनकी अनुपालना रिपोर्ट सौंपनी होगी।’

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नदी की तलहटी से रेत के खनन की लीज के मामलों में नदी के विशेष हिस्सों की पहचान की जानी चाहिए और हिस्सों के हिसाब से ही खनन परमिट या लीज प्रदान की जानी चाहिए ताकि जरूरी सुरक्षा मापदंडों का उसी के अनुसार पालन किया जा सके और संबंधित नियामक प्राधिकरण द्वारा प्रभावी निगरानी की जा सके। समिति ने कहा है, ‘खनन की गहराई को तीन मीटर या जल स्तर तक जो भी कम हो उस तक प्रतिबंधित किया जा सकता है।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, August 11, 2013, 12:19

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