Last Updated: Monday, March 18, 2013, 22:32
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) ने सावधानीपूर्वक रुख अपनाते हुए सोमवार को कहा कि नौसैनिकों की वापसी के मसले पर भारत और इटली दोनों को एक आपसी समझौते पर पहुंचना होगा और इस संकट का हल निकालना होगा।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए ईयू के प्रवक्ता माइकल मैन ने कहा कि मरीन के मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हमने संज्ञान लिया है और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
साथ ही मैन ने कहा कि भारत को वियना सम्मेलन और इटली के राजदूत दानील मांचिनी को प्राप्त राजनयिक छूट का सम्मान करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि भारत वियना सम्मेलन का सम्मान करे।’
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि अगले आदेश तक इटली के राजदूत को देश छोड़ कर जाने की इजाजत नहीं होगी। इसके कुछ घंटे बाद ही ईयू ने वियना सम्मेलन का राग अलापा।
इससे पहले इटली अपने इस वादे से मुकर गया कि केरल तट से परे दो मछुआरों को मारने के दोषी दो मरीन वापस लौट आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को इटली के राजदूत से कहा था कि वह न्यायालय की इजाजत के बगैर देश छोड़कर न जाएं। इटली सरकार द्वारा दो मरीन मासीमिलानो लातोरो और साल्वातोर गिरोने को भारत वापस भेजने से इंकार करने के बाद शीर्ष न्यायालय ने यह कदम उठाया।
न्यायालय ने कहा,‘इटली के राजदूत दानील मांचिनी और इटली गणराज्य की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को सुनने के बाद, हम मामले को अगले आदेश के लिए 2 अप्रैल 2013 को सूचीबद्ध करने का आदेश देते हैं।’
पीठ के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधाश अलतमस कबीर ने कहा,‘4 मार्च को दिए गए अंतरिम आदेश में मांचिनी को इस अदालत की इजाजत के बिना भारत छोड़कर न जाने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश को अगले आदेश तक बढ़ाया जाता है।’
First Published: Monday, March 18, 2013, 21:45