Last Updated: Sunday, August 4, 2013, 12:35
जयपुर : सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय ने राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून से बाहर रखे जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीतिक दल कम से कम अपने वित्तीय मामलों को लेकर सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आने ही चाहिए।
राय ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि किस राजनीतिक दल ने कितना खर्च किया है। चाहे वे किसी भी विचारधारा से जुडे हुए है। उन्होंने कहा कि सूचना का कानून बनाते समय इस बात पर सहमति जताई गई थी कि सूचना के अधिकार में यदि संशोधन की जरूरत पडी तो आमराय से संशोधन किया जायेगा लेकिन आरटीआई कानून से राजनीतिक दलों को बाहर रखे जाने का फैसला किया गया तो किसी से राय नहीं ली गई ।
राय ने कहा कि सामान्यत एक ही मुददे पर अलग अलग मत रखने वाले राजनीतिक दल अपनी बात को छिपाने के लिए एकमत हो गये है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 4, 2013, 11:44