संविधान संशोधन बिल वापस लेने की सिफारिश

संविधान संशोधन बिल वापस लेने की सिफारिश

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने उस संविधान संशोधन विधेयक को वापस लेने की सिफारिश की है जो पूर्व के हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के छह जिलों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए समान रूप से धन आवंटन का तंत्र बनाने का प्रावधान करता है। गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि मौजूदा विधेयक को लेकर कर्नाटक सरकार की राय के मद्देनजर समिति सिफारिश करती है कि गृह मंत्रालय इस विधेयक को वापस ले सकता है।

संविधान (118वां संशोधन) विधेयक 2012 में प्रस्ताव है कि संविधान में अनुच्छेद 371(जे) शामिल किया जाए ताकि कर्नाटक के सबसे पिछड़े क्षेत्र के तहत आने वाले गुलबर्ग, बीदर, रायचूर, कोप्पल, यदगीर और बेल्लारी जिलों में विकास की गति तेज की जा सके। विधेयक में यह प्रस्ताव भी है कि धन के समान रूप से आवंटन के जरिए विशेष प्रावधान किए जाएं ताकि क्षेत्र की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सके और मानव संसाधन बढ़ाया जा सके, रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें तथा संविधान में संशोधन के जरिए शैक्षिक एवं पेशेवर प्रशिक्षण संस्थानों में आरक्षण प्रदान किया जा सके।

समिति ने कहा है कि गृह मंत्रालय ने इस विधेयक को लेकर कर्नाटक सरकार को विश्वास में नहीं लिया था और संसद में विधेयक पेश करने का फैसला किया। समिति ने कहा है कि कर्नाटक सरकार के नजरिए से सहमत होते हुए वह महसूस करती है कि गृह मंत्रालय को विधेयक के प्रावधानों को लेकर राज्य सरकार को विश्वास में लेना चाहिए। समिति ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि कर्नाटक सरकार से वह चर्चा कर सकती है और विधेयक का संशोधित प्रारूप जल्द से जल्द संसद में पेश किया जाए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 25, 2012, 13:27

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