हेडली के लिए और अधिक सजा मांगते : सलमान खुर्शीद

हेडली के लिए और अधिक सजा मांगते : सलमान खुर्शीद

हेडली के लिए और अधिक सजा मांगते : सलमान खुर्शीदनई दिल्‍ली : अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक और लश्कर-ए-तोएबा के आतंकवादी डेविड हेडली को 35 साल की सजा सुनाई। हेडली को सजा के इस फैसले के बाद विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि यदि हेडली के खिलाफ यहां ट्रायल होता तो भारत हेडली के लिए `और ज्‍यादा` सजा दिए जाने का पक्ष रखता और इसे दिलवाना चाहता। उसे कम सजा मिलने से भारत को निराशा है।

एक न्‍यूज चैनल के साथ बातचीत में खुर्शीद ने कहा कि यदि हम उसका ट्रायल करते तो हम इससे ज्‍यादा सजा चाहते। विदेश मंत्री ने यह बात उस समय कही, जब उनसे पूछा गया कि हेडली को मिली 35 साल की सजा पर्याप्‍त है।

एक समझौते के तहत अमेरिकी अभियोजक इस बात पर सहमत हो गए थे, कि वे हेडली को मृत्युदंड दिए जाने की मांग नहीं करेंगे और उसे उसके अपराधों के लिए पाकिस्तान, भारत या डेनमार्क को भी नहीं सौंपेंगे।

जब खुर्शीद से पूछा गया कि क्या हेडली पर भारत में कभी मुकदमा चलेगा। इस पर उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब केवल अभियोजन अधिकारी ही दे सकते हैं, इस बारे में मैं अटकलें नहीं लगा सकता। उन्होंने आगे कहा कि भारत, हेडली के प्रत्यर्पण व उसके मामले की भारत में सुनवाई के लिए लगातार दबाव बनाता रहा है। यह जानकर अच्छा लगा कि उसे इसके लिए जबावदेह ठहराया गया और उसे कम से कम 35 साल की सजा तो दी गई।

वहीं, केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि हम हेडली के प्रत्‍यर्पण की मांग करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत डेविड हेडली और मुम्बई हमलों में शामिल सभी लोगों के लिए मौत की सजा चाहता है।

गौर हो कि अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक और लश्कर-ए-तोएबा के आतंकी डेविड हेडली को गुरुवार को 35 साल की सजा सुनाई। लेकिन अमेरिकी सरकार के साथ एक समझौते के चलते वह मौत की सजा पाने से बच गया जिस पर सजा सुनाने वाले जज ने भी गंभीर आपत्ति जाहिर की। जज लेनेनवेबर ने कहा कि ‘जो सजा मैं सुना रहा हूं, मुझे उम्मीद है कि यह श्रीमान हेडली को ताउम्र सलाखों के पीछे रखेगी। जज ने कहा कि मौत की सजा सुनाना अधिक आसान होता। उन्होंने कहा कि आप उसी के हकदार हैं। 52 वर्षीय हेडली ने अमेरिकी जांचकर्ताओं के साथ एक समझौता किया था जिसके तहत वह मौत की सजा पाने से बच गया।

लेकिन बहुत लोगों को इससे हैरानी हुई कि अमेरिकी अभियोजकों ने हेडली के लिए आजीवन कारावास की सजा क्यों नहीं मांगी। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज हैरी लेनेनवेबर ने हेडली को 35 साल जेल में बिताने का आदेश दिया जिसमें बाद में पांच साल के सुपरवाइज्ड रिलीज (निगरानी में रिहाई) का प्रावधान होगा। इस सजा में पैरोल की कोई व्यवस्था नहीं है और दोषी को अपनी सजा की कम से कम 85 फीसदी सजा पूरी करनी होगी। जज ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में सजा सुनाते हुए कहा कि श्रीमान हेडली एक आतकी हैं। लेनेनवेबर ने यह भी कहा कि उसने अपराध को अंजाम दिया, अपराध में सहयोग किया और इस सहयोग के लिए बाद में इनाम भी पाया। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या करता हूं। इससे आतंकवादी रूकेंगे नहीं। दुर्भाग्यवश, आतंकवादी इन सब की परवाह नहीं करते। मुझे श्रीमान हेडली की इस बात में कोई विश्वास नहीं होता जब वह यह कहते हैं कि वह अब बदल गए हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 25, 2013, 11:57

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