Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 15:18
ज़ी मीडिया ब्यूरो अहमदाबाद : गुजरात सरकार ने बुधवार को कहा है कि उसने फर्जी मुठभेड़ मामलों के आरोपी आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। वंजारा ने मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोषारोपण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
अतिरिक्त प्रमुख सचिव (गृह) एसके नंदा ने आज बताया कि डीजी वंजारा द्वारा दिया गया इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने इस्तीफे को नामंजूर किए जाने के पीछे के कोई विशेष कारण नहीं बताए। 59 वर्षीय वंजारा पुलिस में उप महानिरीक्षक पद से निलंबित हैं और फर्जी मुठभेड़ों के मामलों में जेल में बंद हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर ये आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया कि मोदी सरकार जेल में बंद उन पुलिस अधिकारियों को बचाने में नाकाम रही, जिन्होंने ‘पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद’ के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
वंजारा के इस्तीफे पर गुजरात सरकार ने कहा है कि फैसला आने तक वंजारा का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा। वहीं, वंजारा की चिट्ठी पर शिवसेना ने मोदी पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि मुठभेड़ की सौ फीसदी जिम्मेदारी सरकार की है। उधर, समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वंजारा की चिट्ठी से मोदी का असली चेहरा लोगों के सामने आया है।
गौर हो कि वंजारा कभी गुजरात के सुपरकॉप और मुख्यमंत्री मोदी के चहेते अफसर माने जाते थे। उन पर गैंगस्टर सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ में हत्या, उसकी पत्नी कौसरबी की हत्या, तुलसीराम प्रजापति, इशरत जहां और सादिक जमाल मुठभेड़ समेत करीब एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में वह छह साल से जेल में बंद हैं।
वंजारा से पहले इशरत मुठभेड़ मामले के आरोपी आइपीएस जीएल सिंहल ने भी इस्तीफा दे दिया था। कुछ माह जेल में रहने के बाद सिंहल को तकनीकी आधार पर जमानत मिल गई थी। अब वंजारा भी उनके नक्शे कदम पर हैं।
वंजारा ने मोदी और उनके सिपहसालार अमित शाह के खिलाफ नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दिया। वंजारा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मोदी के करीबियों में गिने जाते थे। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा कि कथित फर्जी मुठभेड़ों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने सरकार की ‘सोची समझी नीति’ का कार्यान्वयन किया और ऐसे में उसका (सरकार) स्थान ‘नवी मुंबई स्थित तालोजा केंद्रीय कारागार’ अथवा ‘अहमदाबाद स्थित साबरमती कारागार’ में होना चाहिए। साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद वंजारा ने 10 पृष्ठों के त्यागपत्र में राज्य सरकार, खासकर पूर्व गृह राज्य रिपीट राज्य मंत्री अमित शाह पर उन्हें और 32 अधिकारियों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजा है।
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 14:27