Last Updated: Monday, July 29, 2013, 22:49

लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार पर दबाव बनाते हुए उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी अपनी उस महिला सहयोगी के साथ एकजुट हो गये हैं जिसे खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के बाद निलंबित किया गया है। आईएसएस अधिकारियों ने उसके निलंबन आदेश को वापस लेने की मांग की है। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने गौर करने का आश्वासन दिया है।
इस मुद्दे के विवाद में तब्दील होने जाने के बीच कर्नाटक दौरे पर गये अखिलेश ने चित्रदुर्ग में कहा, ‘मैं मंगलवार को जब वापस लौटूंगा (लखनऊ) तो मैं मुद्दे पर गौर करूंगा। निलंबन पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।’
उन्होंने यह बात संवाददाताओं के इस सवाल के जवाब में कही कि क्या वह निलंबन आदेश को वापस लेंगे। पंजाब काडर की 2009 बैच की आईएएस अधिकारी एवं गौतमबुद्ध नगर में उप जिलाधिकारी (एसडीएम) 28 वर्षीय दुर्गा शक्ति नागपाल को कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना एक मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के बाद निलंबित कर दिया गया था।
दुर्गाशक्ति के निलम्बन के मुद्दे को लेकर आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लखनऊ में कार्यवाहक मुख्य सचिव आलोक रंजन से मुलाकात की और उनके निलंबन को फौरन वापस लेने की मांग की। इस दौरान उनके साथ दुर्गाशक्ति भी मौजूद थीं ।
रंजन ने मुलाकात के दौरान कहा कि वह मामले को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेंगलूर से लौटने के बाद उनके समक्ष रखेंगे। अखिलेश इस वक्त कर्नाटक में हैं।
रंजन ने अधिकारियों को आश्वासन दिया, ‘वह एक युवा अधिकारी है और कई लोगों ने कहा है कि यह एक कठोर निर्णय है। मैं मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श करूंगा और पूरी जांच के आदेश दूंगा।’
एसोसिएशन के सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने बताया कि रंजन के साथ बैठक में नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल को बिना नोटिस दिए निलम्बित किए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई को वापस लेने की मांग की गयी।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ सपा सरकार शक्तिशाली रेत माफिया की शहर पर ईमानदार अधिकारियों को निशाना बना रही।
दुर्गा ने उत्तर प्रदेश में खरकानूनी खनन एवं रेत माफिया के खिलाफ कदम उठाये थे। राज्य में पहली बार तैनाती के महज 10 माह के भीतर उन्हें निलंबित किया गया है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा था कि वर्ष 2009 बैच की आईएएस अधिकारी और गौतम बुद्ध नगर (सदर) तहसील की उप जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को रबुपुरा थाना क्षेत्र के कादलपुर गांव में एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर अदूरदर्शी तरीके से हटवाने के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित होने पर 27 जुलाई की रात को निलम्बित कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 29, 2013, 22:49