मुजफ्फरनगर में हिंसा, पत्रकार सहित 6 लोगों की मौत

मुजफ्फरनगर में हिंसा, पत्रकार सहित 6 लोगों की मौत

मुजफ्फरनगर/लखनऊ : मुजफ्फरनगर जिले में शऩिवार को दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में एक पत्रकार सहित छह लोग मारे गये और 35 अन्य घायल हो गये। कई जगह पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई जिसके चलते जिले के तीन थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया और स्थिति तनाव पूर्ण है।

गृह विभाग के सूत्रों ने लखनऊ में बताया कि मारे गये लोगों में एक टीवी चैनल का स्थानीय पत्रकार भी शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि स्थिति की गंभीरता और तनाव को देखते हुए सिविल लाइंस, कोतवाली और नयी मंडी थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। गृह विभाग के अनुसार पांच कम्पनी पीएसी और पांच कम्पनी रेपिड एक्शन फोर्स को तत्काल मुजफ्फरनगर रवाना किया गया है।

जिले के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा में आईबीएन-7 के संवाददाता राजेश वर्मा और पुलिस के लिए काम कर रहे एक फोटोग्राफर इसरार की मृत्यु हो गयी। हिंसा उस समय भड़की जब कावल की घटना के सिलसिले में दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए नगलाबढोद गांव में एक बैठक निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए हो रही थी। कावल की घटना की जांच का जिम्मा विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को दिया गया है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि सभा से लौट रहे लोगों के एक समूह ने साकेडा गांव में एक फोटोग्राफर को पीट-पीट कर मार दिया। बसियाकला गांव में दो समुदायों ने एक दूसरे पर पथराव किया जिसमें पांच लोग घायल हो गये। इलमानसपुर गांव में भीड़ ने एक वाहन में आग लगा दी।

पुलिस ने कहा कि नगलाबढोद की बैठक के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी थी और इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी। जिले के अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध के बावजूद कावल हिंसा के बाद आयोजित पहली बैठक में कई लोगों ने भाग लिया।

गत 27 अगस्त को कावल में दो मोटरसाइकिलों की टक्कर के बाद मामूली विवाद ने उग्र हिंसा का रूप ले लिया था और तीन लोगों की मौत हो गयी जिसके बाद से वहां तनाव है।

इस बीच अपराध शाखा ने 31 अगस्त को पिछली बैठक के दौरान कथित भड़काऊ भाषण के मामले में जनसठ ब्लॉक के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। सिंह मायावती सरकार में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव रहे शशांक शेखर सिंह के रिश्तेदार हैं।(एजेंसी)

First Published: Saturday, September 7, 2013, 21:01

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