Last Updated: Monday, September 9, 2013, 15:05
ज़ी मीडिया ब्यूरो मुजफ्फरनगर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सेना की तैनाती के बावजूद साम्प्रदायिक हिंसा नहीं थम रही है और शनिवार रात शुरू हुई हिंसक वारदात में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। निषेधाज्ञा के उल्लंघन के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार विधायकों तथा कांग्रेस के एक पूर्व सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
हालात पर काबू पाने के लिए सेना ने पूरी तरह कमान संभाल ली है। पूरे यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सेना ने पूरे शहर में आज भी फ्लैग मार्च किया। सेना की 28 कंपनियों को तैनात किया गया है। शहर में सारे स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
उधर, प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मुजफ्फनगर के चार थाना क्षेत्रों में सोमवार को भी कर्फ्यू जारी है। सेना पूरे क्षेत्र में फ्लैग मार्च कर रही है।
हालात पर निगाह रख रहे अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने मुजफ्फरनगर में संवाददाताओं को बताया कि गत शनिवार की रात को शुरू हुई हिंसा में अब तक 28 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 45 घायलों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिंसापूर्ण माहौल के बीच निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में भाजपा विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह, उन्हीं की पार्टी के विधायक सुरेश राणा, भारतेन्दु, संगीत सोम तथा कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
कुमार ने बताया कि जिले के फुगाना, शाहपुर तथा धौराकलां में सभी हथियारों के लाइसेंस निरस्त किये जाएंगे। इसके अलावा हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे फुगाना के थाना प्रभारी ओमवीर को हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में तनाव जरूर है लेकिन स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और कल रात 12 बजे से अब तक कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।
इस बीच, गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने लखनऊ में बताया कि हिंसा के मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर तथा आसपास के इलाकों में पुलिस तथा केन्द्रीय बल के साथ-साथ सेना भी तैनात की गयी है लेकिन ग्रामीण इलाकों में हिंसक वारदात होने की वजह से हालात काबू करने में दिक्कतें पेशी आई। उन्होंने बताया कि शनिवार रात शुरू हुई हिंसा के बाद जिले के सिविल लाइंस, कोतवाली तथा नई मंडी इलाकों में लागू कर्फ्यू बरकरार है।
सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर के अलावा मेरठ तथा शामली जिलों में भी सेना तैनात है और वह दंगाइयों के हौसले पस्त करने तथा आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च कर रही है। गौरतलब है कि गत 27 अगस्त को कवाल क्षेत्र में दो मोटरसाइकिलों की टक्कर के बाद हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत की घटना के सिलसिले में दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग पर बल देने के लिये पिछली सात सितम्बर को सिखेड़ा थाना क्षेत्र के नगला गांव में महापंचायत आयोजित की गयी थी। उसमें शामिल होने जा रहे लोगों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पर पथराव हुआ था।
इसकी प्रतिक्रिया में एक समुदाय के युवक की हत्या किये जाने के बाद पूरे मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़क गयी थी। इस वारदात में पहले ही दिन एक टीवी पत्रकार समेत 10 लोगों की मौत हो गयी थी। बाद में सेना की मौजूदगी में अब तक 18 और लोग मारे जा चुके हैं। स्थिति की गंभीरता और तनाव को देखते हुए सिविल लाइंस, कोतवाली और नयी मंडी थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया थी। हालात बेकाबू होते देख केन्द्रीय बल तथा सेना भी बुला ली गयी थी। साथ ही पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया था।
केन्द्र सरकार ने मुजफ्फरनगर में हुई वारदात पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिये कड़े कदम उठाने को कहा है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने मुजफ्फरनगर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेज दी है।
उधर, हिंसक घटनाओं पर यूपी सरकार ने कार्रवाई करते हुए मेरठ के आईजी और सहारणपुर के डीआईजी का तबादला कर दिया है। मेरठ के आईजी ब्रजभूषण का तबादला कर भवेश कुमार सिंह को मेरठ का नया आईजी बनाया गया है। वहीं, सहारणपुर के डीआईजी डीसी मिश्रा का तबादला कर अशोक मुथा को नया डीआईजी बनाया गया है। सहारणपुर के कमिश्नर एसके श्रीवास्तव को भी हटा दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट कल सौंपी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने गत 27 अगस्त को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में लड़की से छेड़खानी को लेकर तीन लोगों की हत्या होने से लेकर कल तक के घटनाक्रम का जिक्र किया है। दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर में तनाव के बीच केन्द्र ने आज उत्तर प्रदेश को हालात से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवान मुहैया कराने की पेशकश की।
गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि सेना के जवानों के अलावा अर्धसैनिक बलों के 5000 जवान पहले ही हिंसा प्रभावित उत्तर प्रदेश में भेजे जा चुके हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो हम और अधिक बल मुहैया कराने को तैयार हैं। सिंह ने कहा कि फिलहाल मुजफ्फरनगर में शांति बहाल होती दिख रही है क्योंकि कल शाम से किसी हिंसक घटना की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन तनाव बरकरार है। केन्द्र सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने में उत्तर प्रदेश को हरसंभव मदद मुहैया कराने को तैयार है। सिंह ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पहले ही बात कर चुके हैं। गृह सचिव अनिल गोस्वामी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के लगातार संपर्क में बने हुए हैं और मुजफ्फरनगर के हालात की समीक्षा कर रहे हैं।
First Published: Monday, September 9, 2013, 10:38