Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 14:23

तिरूवनंतपुरम : माकपा के वयोवृद्ध नेता वीएस अच्युतानंदन ने बुधवार को कहा कि कुछ साल पहले उन्हें पार्टी के पोलित ब्यूरो से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के उस मामले के बारे में सच कहा था जिसमें पार्टी की राज्य इकाई के सचिव पिनयारी विजयन के खिलाफ जांच हुई है। मामले की जांच सीबीआई ने की और सीबीआई की अदालत में यहां मुकदमा भी चल रहा है।
88 वर्षीय अच्युतानंदन ने कहा कि उन्होंने पोलित ब्यूरो से कहा कि वह सच पर कायम रहेंगे और पार्टी के उस आधिकारिक रूख से सहमत नहीं हैं कि यह गढ़ा गया मामला है। अच्युतानंदन जब मुख्यमंत्री थे उन्हीं दिनों माकपा की शीर्ष इकाई से उन्हें विजयन के खिलाफ आरोपों के चलते हटाया गया था। यह आरोप वर्ष 1997 में केरल के तीन विद्युत केंद्रों की साजसज्जा के लिए कनाडा की कंपनी एसएनसी लवलीन को ठेका दिए जाने के संबंध में थे और तब विजयन बिजली मंत्री थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक चैनल को बताया कि मुझे यह सच कहने के कारण पोलित ब्यूरो से हटाया गया कि एसएनसी लवलीन के साथ सौदे में कथित अनियमितता हुई। कैग ने यह पाया था। यह किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए गढ़ा गया मामला नहीं था।’ इन दिनों वह राज्य में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर पोलित ब्यूरो में चर्चा हुई तो मैंने उनसे कहा कि मैं सच पर ही कायम रह सकता हूं। मुझे उस पोलित ब्यूरो से हटा दिया गया जिसका मैं 24 साल से अधिक समय तक सदस्य था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 14:23