संगीत के मौजूदा दौर से दूर होने को मजबूर: लता

संगीत के मौजूदा दौर से दूर होने को मजबूर: लता


नई दिल्ली : सिनेमाई संगीत के सुनहरे दौर की साक्षी रही लता मंगेशकर का मानना है कि संगीत का मौजूदा दौर अलग है और उनके लिए नया है लिहाजा वह इससे दूर है। उन्होंने यह भी कहा कि गाना उन्होंने बंद नहीं किया लेकिन वही गायेंगी जो उन्हें पसंद आए।

कल अपना 83वां जन्मदिन मनाने जा रही लता ने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा कि बदलाव दुनिया का दस्तूर है। मैने फिल्म इंडस्ट्री में 1947 से 1995 तक जो दौर देखा, वह अलग था। अभी का दौर अलग है, मेरे लिये नया है। यह बदलाव लाजमी भी है क्योंकि फिल्में और कलाकार तक अब बदल गए हैं। इसीलिये मैं इस दौर से दूर हूं। छत्तीस भाषाओं में और एक हजार से अधिक हिन्दी फिल्मों में गा चुकी सुर साम्राज्ञी ने हालांकि यह भी कहा कि उन्होंने गाना बंद नहीं किया है लेकिन अपनी पसंद से ही गाती हैं।

उन्होंने कहा कि मैं गाना अभी भी गाती हूं लेकिन जो मुझे अच्छा लगता है, बस वही। फिल्म उद्योग और संगीत में आए बदलाव को महसूस करने वाली लता के लिये कुछ रिश्ते नहीं बदले और उनमें से एक रिश्ता उनका और मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा का है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 27, 2012, 11:58

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