Last Updated: Tuesday, November 22, 2011, 03:35
पूरे देश की निगाहें संसद में 21 दिन तक चलने वाले शीतकालीन सत्र पर टिकी हैं। संसद का शीत सत्र तो हर साल आता है, लेकिन इस बार का शीत सत्र कई मायनों में खास है। क्योंकि इस शीत सत्र में एक आम आदमी के भूख, उसकी बेबसी और लाचारी को लेकर फैसला जो होना है।