Last Updated: Monday, February 4, 2013, 22:09
सुप्रीम कोर्ट ने किशोर न्याय कानून में ‘किशोर’ की परिभाषा की सांविधानिक वैधता के सवाल पर गौर करने का निश्चय किया है। इसमें अपराध की संगीनता के बावजूद 18 साल से चंद सप्ताह कम आयु का होने पर भी ऐसे अपराधी को नाबालिग ही माना गया है।