Last Updated: Tuesday, May 21, 2013, 14:37
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का कार्यकाल पूरा कर सेवानिवृत्त होने जा रहे विनोद राय का मानना है कि सरकारी धन प्राप्त करने वाली सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की सभी परियोजनाओं, पंचायती राज संस्थाओं तथा समितियों के बही खातों की लेखापरीक्षा का काम इस शीर्ष राष्ट्रीय अंकेक्षण संस्था के अधिकार क्षेत्र में लाया जाना चाहिए।