Last Updated: Friday, July 27, 2012, 17:41
छोटे पर्दे पर बड़ा पर्दा छा जाये ऐसा होता नहीं है। लेकिन 70 के दशक के सुपरस्टार की मौत ने छोटे पर्दे का चरित्र 48 घंटे के लिये बदल दिया। सिर्फ पर्दे का चरित्र नहीं बल्कि उस पीढ़ी के उन सपनों को भी जगा दिया जो उसने न तो अपने दौर में सिल्वर स्क्रीन पर देखे और ना शायद उसके सपनों में कभी आये।