Last Updated: Wednesday, May 23, 2012, 13:11
देश की आजादी के 64 साल होने के बावजूद भारतीय रेल व्यवस्था में सुधार न के बराबर है। जब भी यात्रा के बारे सोचा जाता है रूह कांप जाता है। टिकट कटाने से लेकर गाड़ी में चढ़ने, और गंतव्य स्टेशन पहुंचने तक अनेक मुसीबतें सामने आती हैं। इसलिए ट्रेन जर्नी को जंग कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए।