Last Updated: Friday, September 14, 2012, 10:13
कोई साढ़े नौ दशक पहले सार्वजनिक मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कह गए वे ऐतिहासिक शब्द मानो आज भी हिन्दी पट्टी के इस प्रमुख शहर की फिजा में तैर रहे हैं। इन शब्दों के जरिये बापू ने हिन्दी को ही भारत की राष्ट्रभाषा बनाये जाने का मार्मिक आह्वान किया था।