Last Updated: Saturday, March 31, 2012, 20:49

----------------------------------
व्हिडिओ
पाऊस कधीचा पडतो…. (कवी ग्रेस)पाऊस कधीचा पडतो, झाडांची हलती पाने हलकेच जाग मज आली, दुःखाच्या मंद सुराने
----------------------------------
ती गेली तेव्हा रिमझिंम (कवी ग्रेस)ती गेली तेव्हा रिमझिंम , पाउस निनादत होता मेघात अडकली किरणे, हा सूर्य सोडवीत होता ती आई होती म्हणूनी, घनव्याकूळ मी ही रडलो
----------------------------------
घर थकले संन्यासी… (कवी ग्रेस)घर थकले संन्यासी : हळू हळू भिंतही खचत आईच्या डोळ्यांमधले नक्षत्र मला भासवते ती नव्हती संध्या मधुरा, रखरखते ऊनच होते
----------------------------------
भय इथले संपत नाही….भय इथले संपत नाही,मज तुझी आठवण येते मी संध्याकाळी गातो, तू मला शिकविली गीते...
----------------------------------
कवी ग्रेस यांचं निधन, साहित्यातील ‘ग्रेस’ हरपलीकवी ग्रेस यांचं निधन झाल आहे. पुण्यातल्या दीनानाथ हॉस्पिटलमध्ये ग्रेस यांचं निधन झालं. संध्याकाळच्या कविता हा पहिला काव्यसंग्रह, चर्चबेल, मितवा, सांध्यपर्वातील वैष्णवी, संध्यामग्न पुरूषाची लक्षणे हे त्यांचे ललितसंग्रह.
---------------------------------
व्हि़डिओ
----------------------------------
----------------------------------
कवी ग्रेस यांना पद्मजाताईंची श्रद्धांजली ----------------------------------
कवी ग्रेस यांना गुरू ठाकूर यांची मानवंदना ----------------------------------
कवी ग्रेस यांना हृदयनाथ मंगेशकरांची श्रद्धांजली ----------------------------------
ग्रेस यांच्या आठवणी.. बागवेंच्या संगे ----------------------------------
सुरेश वाडकर यांनी वाहिली ग्रेस यांना श्रद्धांजली ----------------------------------
ग्रेस यांना पाडगावकरांची भावपूर्ण श्रद्धांजली----------------------------------
First Published: Saturday, March 31, 2012, 20:49