हिमाचल में कांग्रेस ने की वापसी, भाजपा को झटका

हिमाचल में कांग्रेस ने की वापसी, भाजपा को झटकाशिमला : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरी बार कमल खिलाकर रिकार्ड बनाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदों को गुरुवार को उस समय तगड़ा झटका जब चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए और उसने 36 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। गुजरात में जीत का स्वाद चखने को तरस रही कांग्रेस के लिए हिमाचल की जीत राहत लेकर आई।

कुल 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा सिर्फ 26 सीटें ही जीत सकी। निर्दलीय, खासकर
भाजपा के बागी उम्मीदवारों को छह सीटों पर जीत मिली है। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर से जीत गए। उन्होंने कांग्रेस के नरेंद्र ठाकुर को 9,000 से ज्यादा मतों से हराया।

धूमल मंत्रिमंडल के चार सदस्य नरिन्दर बराग्टा, खिमी राम, कृष्ण कुमार और रोमेश धवना हालांकि चुनाव हार गए लेकिन गुलाब सिंह, मोहिन्दर सिंह, जयराम ठाकुर, रविन्दर सिंह रवि, सरवीन चौधरी और ईश्वर दास धीमान जैसे उनके सहयोगी चुनाव जीतने में सफल रहे।

भाजपा की हार स्वीकार करते हुए धूमल ने हमीरपुर में संवाददाताओं से कहा, "मेरी जीत मायने नहीं रखती। मुझे दुख है कि पार्टी हिमाचल में हार गई।"

धूमल ने कहा, "हमें पता लगाना होगा कि हमसे कहां चूक हुई। हम कारणों का विश्लेषण और आकलन करेंगे। नई सरकार को मेरी शुभकामना!"

कांग्रेस नेता व राज्य में पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह ने शिमला (ग्रामीण) सीट पर 20,000 मतों के रिकार्ड अंतर से जीत दर्ज की। कांग्रेस की जीत के लिए वीरभद्र को श्रेय दिया जा रहा है। उम्मीद है कि वह एक बार फिर राज्य की कमान संभालेंगे।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि वीरभद्र सिंह को अगला मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने की संभावना है, क्योंकि 36 में से 28 निर्वाचित विधायक उनके प्रति निष्ठावान हैं। वीरभद्र ने हालांकि कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तय करेंगी कि नई सरकार का नेतृत्व कौन करेगा।

वीरभद्र ने आईएएनएस से कहा, "मैंने अगला मुख्यमंत्री तय करने की जिम्मेदारी सोनिया जी पर छोड़ दी है।" उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान में उनका पूरा विश्वास है।

वीरभद्र ने एक बयान में कहा, "कांग्रेस पार्टी की ओर से मैं राज्य के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने पार्टी के केंद्रीय और राज्य के नेताओं में अपना विश्वास प्रकट किया है।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत से पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को समर्थन मिला है।

कांग्रेस नेता हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक दो-तीन दिनों में शिमला में होगी, जिसमें नए नेता का चयन किया जाएगा।

चुनावी नतीजे इशारा करते हैं कि महंगाई और भ्रष्टाचार यहां कोई मुद्दा नहीं रहा क्योंकि वीरभद्र से जुड़े सीडी प्रकरण का भी कोई प्रभाव नहीं दिखा। इस प्रकरण के चलते उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था।

विपक्ष की नेता विद्या स्ट्रोक्स ठियोग से चुनाव जीतने में सफल रहीं जबकि वीरभद्र सिंह के धुर विरोधी माने जाने वाले विजय सिंह मनकोटिया शाहपुर से चुनाव हार गए।

चुनाव जीतने वाले निर्दलीयों में कांग्रेस के बागी किर्नेश जंग (पांवटा साहिब), बलबीर सिंह वर्मा (चोपाल) तथा भाजपा के बागी पवन काजल (कांगड़ा) और राजिंदर सिंह (सुजानपुर) मनोहर धीमान (इंदोरा) शामिल हैं।

हिमाचल लोकहित पार्टी के महेश्वर सिंह कुल्लू से चुनाव जीतने में सफल रहे। हालांकि उनकी पार्टी ने 36 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये थे। शेष अन्य दलों का राज्य में खाता भी नहीं खुला।

हिमाचल प्रदेश के परिणाम के बारे में वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, "हिमाचल का परिणाम निराशाजनक रहा। हमने एक अच्छी सरकार चलाई। हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। बागी उम्मीदवार पार्टी की हार का एक कारण हो सकते हैं।"

वर्ष 2007 में भाजपा ने 41 सीटें, कांग्रेस ने 23, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक व निर्दलियों ने तीन सीटें जीती थीं। बसपा विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।

हिमाचल में आज तक कोई भी दल सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी नहीं कर सकी है और यहां के मतदाताओं ने इस परम्परा को बनाए रखा। वैसे भाजपा दावा कर रही थी कि वह पंजाब की तर्ज पर इस बार हिमाचल में भी दूसरी बार सरकार बनाएगी। पंजाब में अकाली दल ने पिछला विधानसभा चुनाव जीतकर रिकार्ड बनाया था। (एजेंसी)


First Published: Thursday, December 20, 2012, 23:53

टिप्पणी

vishal kaushik - alwar
delhi mein baithe bjp ke neta apni apni panchaiti karte hein isliye bjp himachal mein har gayi. pahle rajasthan mein bhi panchayati ki thi jisase vahan par bjp ki sarkar nahi bani. unko panchayati chhodni chahiye
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