वोटरों को लुभा रहा धूमल का ‘चूल्हा’ प्रचार
दिन निकलने के साथ ही इस अति विशिष्ट (वीआईपी) निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को फिर से सत्ता में लाने के नारे गूंज उठते हैं। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने छोटे से ‘इंडक्शन चूल्हे’ को चुनाव प्रचार का हथियार बना लिया है।
स्थानीय मुद्दों पर हावी आरोप-प्रत्यारोप
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव-प्रचार जोरों पर है। राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कमर कस चुकी हैं। दोनों ही दल अपने चुनावी घोषणापत्र में कई लोक-लुभावन वादे किए हैं लेकिन चुनावी महासमर के इस दौर में असली मुद्दे गौण होते दिख रहे हैं जबकि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप हावी हो गए हैं।
गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी दलों की बिसात
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), वामपंथी पार्टियों और तृणमूल कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को खड़ा कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। भाजपा और कांग्रेस को छोड़ ये पार्टियां चुनाव में जीत भले ही दर्ज न कर पाएं लेकिन वे चुनावी समीकरण जरूर बिगाड़ सकती हैं।
हिमाचल में खुद को दोहराएगा इतिहास?हिमाचल में खुद को दोहराएगा इतिहास?
हिमाचल प्रदेश की राजनीति का इतिहास दिलचस्प रहा है। वर्ष 1971 में हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिलने के बाद यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बारी-बारी से सरकार बनती रही है। या यह कहें कि यहां कि जनता बारी-बारी से भाजपा और कांग्रेस को जनादेश आती आई है।
भ्रष्‍टाचार एवं बेरोजगारी बना अहम मुद्दा
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में 28 राज्य और सात केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन प्रदेशों में भी प्रति पांच साल में जनता के द्वारा राज्य की शासन व्यवस्था सुचारू रुप से चलाने के लिए सरकार चुनी जाती है। इसी क्रम में चार नवंबर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाजपा-कांग्रेस में कांटे के मुकाबले की संभावना भाजपा-कांग्रेस में कांटे के मुकाबले की संभावना
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चार नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का संघर्ष होने की उम्मीद है। लोकहित पार्टी के संयोजन में भाकपा, माकपा एवं कुछ अन्य छोटे दल भी इसे त्रिकोणिय मुकाबला बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
हिमाचल कांग्रेस ने सूची में फिर किया बदलाव
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में शुक्रवार दो और बदलाव किए। परिसीमन में बैजनाथ विधानसभा सीट समाप्त किए जाने के बाद यहां से मौजूदा विधायक सुधीर शर्मा को धर्मशाला की जगह ज्वालामुखी से उम्मीदवार बनाया गया है।
 
 
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