क्‍या वीरभद्र को हिमाचल का सीएम बनाएगी कांग्रेस?

क्‍या वीरभद्र को हिमाचल का सीएम बनाएगी कांग्रेस?ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

शिमला: वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद सत्ता विरोधी लहर प
र सवार कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 36 सीटें जीतकर भाजपा से प्रदेश की सत्ता छीन ली। अब कांग्रेस के आलाकमान के सामने सबसे यक्ष प्रश्‍न यह है कि क्‍या वीरभद्र को एक बार फिर सीएम की कुर्सी सौंपी जाएगी। वैसे भी राज्‍य में कांग्रेस के सामने अभी कोई दूसरा विकल्‍प नजर नहीं आ रहा है।

कांग्रेस को इस बात को लेकर असंमजस में हो सकती है कि कुछ माह पहले भ्रष्‍टाचार के आरोप लगने के बाद वीरभद्र को केंद्रीय मंत्रिमंडल से रुखसत होना पड़ा था।

पांच बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष 78 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण सीट पर जीत दर्ज की। वीरभद्र ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के ईश्वर रोहल को 20 हजार मतों से पराजित किया। उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का सशक्त दावेदार माना जा रहा है। चुनाव परिणाम से ऐसा प्रतीत होता है कि उनसे जुड़े सीडी प्रकरण का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा जिसके कारण उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। उनके खिलाफ भाजपा ने केंद्र में इस्पात मंत्री रहते भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे।

उधर, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वीरभद्र सिंह ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री बनने की जल्दबाजी में नहीं हैं और इस मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। सिंह ने कहा कि पार्टी ने मुझे हिमाचल में पार्टी को सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही कांग्रेस विधायक दल के नेता पर अंतिम निर्णय लेंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह छठी बार मुख्यमंत्री बनेंगे, 78 वर्षीय नेता ने कहा कि वह जल्दबाजी में नहीं हैं।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह राज्य के ऐसे दिग्गज नेता हैं जिन्हें ना भ्रष्टाचार के आरोपों से शिकस्त मिली न ही कांग्रेस के आपसी मतभेद से नुकासान हुआ। वीरभद्र छठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिये तैयार हैं। ऐसा हुआ तो यह उनका एक रिकार्ड होगा। अपने पांच दशकों के राजनीतिक करियर में वीरभद्र सात बार विधायक, पांच बार संसद सदस्य और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह चार बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और मौजूदा लोकसभा में मंडी ससंदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। जीत दर्ज करने के बाद उनका कहना था कि कांग्रेस अध्यक्षा ही तय करेंगी कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

First Published: Friday, December 21, 2012, 13:11

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