Last Updated: Sunday, August 4, 2013, 10:15

काहिरा : मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी के समर्थकों ने अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री विलियम बर्न्सत से बातचीत के बाद आज कहा है कि वह मुरसी की बहाली की मांग पर कायम रहेंगे। अमेरिकी दूत की यात्रा के बाद यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन और जर्मनी के विदेश मंत्री गुइडो वेस्टरवेल्ले यहां आए। इन यात्राओं के जरिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय मुरसी समर्थकों को और सेना को आम सहमति से एक अंतरिम सरकार बनाने के लिए समझाने की कोशिश कर रहा है।
बहरहाल, आज सुबह जारी एक बयान में मुरसी के मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा ने कहा है कि वह राष्ट्रपति की वापसी, संविधान और शूरा परिषद के लिए प्रतिबद्ध हैं। शूरा परिषद से उनका तात्पर्य संसद के उच्च सदन से है। ‘फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी’ ने बयान में कहा है कि इस्लामी समूहों के गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुरसी की बहाली की मांग को लेकर कल सुबह बर्न्स् से मुलाकात की थी।
मुरसी को 3 जुलाई को बर्खास्त किया गया था और तब से उनके समर्थक उनकी बहाली की मांग करते हुए कह रहे हैं कि इसके अलावा उन्हें देश पर आए संकट के समाधान का कोई दूसरा हल स्वीकार नहीं होगा। बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी की हालिया टिप्पणियों की भी आलोचना की गई है। केरी ने पाकिस्तान में एक साक्षात्कार में कहा था कि मिस्र की सेना ने मुरसी को बख्रास्त कर लोकतंत्र बहाल किया है।
आगे बयान में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होंगे। बयान में हिंसा और सिनाई प्राय:द्वीप में हुई घटनाओं की निंदा की गई है। सिनाई प्रायद्वीप में लगभग हर दिन सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा रहा है। मुरसी को अज्ञात स्थान पर रखा गया है। उन पर वर्ष 2011 में हुए उस विद्रोह के दौरान जेल से भागने का आरोप है जिस विद्रोह में उनके पूर्ववर्ती हुस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 4, 2013, 10:15