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रेड्डी बंधु बेताज बादशाह नहीं लेकिन जलवा कायम
Monday, April 29, 2013, 12:34
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अवैध खनन
बेल्लारी : बेल्लारी में कभी रेड्डी बंधुओं की तूती बोलती थी लेकिन अब वे उतने प्रभावशाली नहीं रहे, फिर भी पांच मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उनका प्रभाव फीका नहीं पड़ा है ।
वर्ष 2008 में भाजपा ने बेल्लारी जिले में भारी जीत हासिल की थी और क्षेत्र की नौ सीटों में से सात पर जीत हासिल की थी। यह कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है ।
रेड्डी बंधु जी. जनार्दन रेड्डी, जी. करूणाकर रेड्डी और जी. सोमशेखर रेड्डी का तब यहां निर्विवाद आधिपत्य था और जिले में भाजपा के उभरने में उनका योगदान रहा ।
आंध्रप्रदेश में अवैध खनन के मामले में जनार्दन रेड्डी फिलहाल हैदराबाद की जेल में सितम्बर 2011 से बंद हैं । करूणाकर रेड्डी देवाणगेरे जिले के हरपनहल्ली चले गए हैं।
सोमशेखर रेड्डी पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू के बीएसआर कांग्रेस के साथ हैं जिन्होंने भाजपा से अलग होने के बाद अपनी पार्टी बना ली थी । वर्ष 2008 में बेल्लारी शहर से जीतने वाले सोमशेखर रेड्डी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं ।
अपने प्रभावशाली दौर में तीनों रेड्डी बंधुओं में दो भाजपा सरकार में मंत्री थे और तीसरे सोमशेखर रेड्डी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष थे । उन पर अकसर सरकार को मनमाफिक चलाने के आरोप लगते रहे थे ।
खनन व्यवसायियों के गढ़ होने एवं नियमों का उल्लंघन करने के कारण तत्कालीन लोकायुक्त संतोष हेगड़े बेल्लारी जिले को ‘‘द रिपब्लिक ऑफ बेल्लारी’’ कहते थे ।
लेकिन रेड्डी बंधुओं का पतन होने से खनन व्यवसायियों का किला नहीं ढहा है और इस चुनाव में भी यह बेल्लारी एवं आसपास में राजनीतिक गतिविधियों में दिख रहा है।
खनन व्यवसाय में जो आठ लोग दागी हैं वे इस बार विधानसभा चुनावों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं । अवैध खनन मामले में सरकार को घेरने का अवसर नहीं खोने वाली विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्यसभा के सदस्य अनिल लाड को यहां चुनाव मैदान में उतारा है जिससे अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने वाले पार्टी के स्थानीय नेताओं में बेचैनी है ।
लाड ने पार्टी नेतृत्व को विश्वास में लेकर टिकट हासिल कर लिया । पहले वह भाजपा में थे लेकिन पार्टी में रेड्डी बंधुओं के प्रभुत्व को देखते हुए वह कांग्रेस में चले गए थे ।
अनिल लाड की कंपनी वी. एस. लाड माइनिंग कम्पनी को उच्चतम न्यायालय की ओर से अवैध खनन को लेकर नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में ‘सी’ समूह में शामिल किया है ।
रेड्डी बंधु 1999 में प्रकाश में आए थे जब भाजपा नेता सुषमा स्वराज बेल्लारी से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं और हार गई थीं । (एजेंसी)
First Published: Monday, April 29, 2013, 12:34
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