कर्नाटक में सीएम की रेस तेज, कई दावेदार उभरे |
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ज़ी मीडिया ब्यूरो
बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस सात वर्ष बाद सत्ता में लौटी है, मगर मुख्यमंत्री का चयन पार्टी के लिए आसान नहीं है। सीएम की रेस तेज हो गई है और कई नामों के बीच इस पद के लिए होड़ लगी है।
इस पद के कई दावेदार आस लगाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री पद के दावेदार अधिकांश नेताओं का हालांकि कहना है कि उन्होंने फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है, अध्यक्ष सोनिया गांधी जो फैसला सुनाएंगी, उन्हें मंजूर होगा। राजनीतिक नाटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले कर्नाटक के कांग्रेसी विजेता एवं उनके समर्थक संभवत: गुरुवार से नई दिल्ली की ओर रुख करेंगे और राज्य मंत्रिमंडल में जगह सुनिश्चित करवाने के लिए फिलहाल वहीं डेरा डालेंगे।
मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में मौजूदा विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दारमैया और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं। पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली का नाम भी चर्चा में है। वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
राज्य कांग्रेस के प्रमुख जी. परमेश्वर का नाम पहले चर्चा में था, लेकिन तुमकुर जिले की कोराटागेरे (सुरक्षित) सीट से चुनाव हारने के बाद अब वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं।
बुधवार को आए परिणाम में कांग्रेस की सत्ता में वापसी तय हो जाने पर सिद्दारामैया ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदारों में से एक हूं। 64 वर्षीय सिद्दारामैया मैसूर जिले की वरुणा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह पिछड़ा वर्ग के नेता हैं और कुरुबा (चरवाहा) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
वह जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) में थे, मगर पार्टी संगठन में अपने बेटों को बड़े पद देने के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा से मतभेद के बाद वर्ष 2006 में कांग्रेस में शामिल हो गए। 70 वर्षीय खड़गे राज्य कांग्रेस में सबसे बड़े दलित नेता हैं। वह लगातार नौ बार विधानसभा चुनाव जीतकर राज्य की राजनीति पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता माने जाते हैं। वर्ष 2009 के आम चुनाव में उत्तरी कर्नाटक के गुलबर्गा से चुनाव जीतकर वह लोकसभा में पहुंचे हैं।
खड़गे ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मुख्यमंत्री का पद उन्हें दिया जाएगा, क्योंकि वह दलित हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान अगर मुझे इस पद के लिए उपयुक्त समझेगी तो मैं आदेश का पालन करूंगा। 73 वर्षीय मोइली वर्ष 1992 से 94 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह इस समय केंद्रीय मंत्री हैं, उन्होंने कन्नड़ में कई किताबें लिखी हैं। वह तटीय कर्नाटक से आते हैं और देवाडिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। मंदिरों में गाना-बजाना इस समुदाय का परंपरागत पेशा है। वह लोकसभा में चिक्कबल्लपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
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First Published: Thursday, May 9, 2013, 10:11
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