येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाना पड़ा मंहगा : भाजपा |
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नई दिल्ली : भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अंदरूनी लड़ाई के साथ बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाना और बाद में उनका अलग दल बनाना कर्नाटक विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की मुख्य वजह है।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद बुधवार शाम हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्य के चुनाव में पार्टी के ‘स्तब्धकारी’ नतीजों पर चर्चा की गई। दक्षिण भारत के पहले और एकमात्र राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा की कर्नाटक विधानसभा में संख्या 110 से घटकर 40 रह गई है। बैठक में अधिकतर नेताओं ने स्वीकार किया कि येदियुरप्पा ने भाजपा का खराब प्रदर्शन करना सुनिश्चित करके पार्टी से बदला लिया है। लेकिन जो नेता येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने के पक्षधर थे उन्होंने तर्क दिया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई से समझौता नहीं किया जा सकता है।
भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा दोषी पाए जाने पर जुलाई 2011 में येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से हट गए। बाद में नवंबर 2012 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी और केजीपी की स्थापना की। भाजपा के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा, ‘हमारे मतों में विभाजन के साथ कर्नाटक में पार्टी की एकता को लेकर बिगड़ी छवि से चुनाव में हमें नुकसान हुआ है। इसके अलावा हमारे कुछ नेताओं द्वारा अलग पार्टी बना लेने से भी हमें क्षति हुई।’
उन्होंने कहा, ‘हमें इससे सबक लेने की जरूरत है और हम चुनावी नतीजों की विस्तार से समीक्षा करेंगे।’ नायडू ने हालांकि, कांग्रेस के इस दावे को गलत बताया कि कर्नाटक के परिणाम पूरे देश का रूझान दर्शा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में राज्य के मुद्दे प्रभावी रहे हैं। (एजेंसी)
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First Published: Wednesday, May 8, 2013, 20:29
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