फैलिन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ गंजाम, 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त । Ganjam gets most affected by phailin, 2.4 million home damaged

फैलिन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ गंजाम, 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त

फैलिन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ गंजाम, 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्तछत्रपुर (गंजाम) : ‘फैलिन’ चक्रवात से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए ओड़िशा के तटीय जिले गंजाम में अनुमानित तौर पर कम से कम 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में लाखों लोगों की आजीविका छीन गई और 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए।

मछुआरों का भी बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि उनके मछली पकड़ने के जाल, नाव और बेड़े क्षतिग्रस्त हो गए। किसानों को भी नुकसान हुआ है क्योंकि उनकी धान की फसल पानी में डूब गई। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राहत शिविरों का दौरा करने के बाद हर प्रभावित को 500 रुपये देने का निर्देश दिया। साथ ही प्रशासन यहां दो महीनों तक मुफ्त राशन आवंटित करेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने अकेले गंजाम जिले में 3,000 करोड़ से अधिक का नुकसान का अनुमान लगाया है। बिजली के बुनियादी ढांचे काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा कि धान की खेतों वाला एक बड़ा भूभाग बारिश के पानी में डूब गया जिस वजह से फसल को बड़ी क्षति पहुंची। बागवानी खेती को भी बहुत नुकसान पहुंचा क्योंकि आम और नारियल के बहुत सारे पेड़ उखड़ गए। उन्होंने कहा कि जीविका और संपत्ति के नुकसान के लिहाज से गंजाम, ओड़िशा में सबसे अधिक प्रभावित हुआ जिला है।

कुमार ने कहा कि 2.4 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनमें मछुआरों की झोपड़ियां और दूसरे कच्चे घर शामिल हैं। सरकार मछुआरों के लिए एक विशेष राहत पैकेज की भी घोषणा करेगी। जिलाधिकारी ने कहा मछुआरों का बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि उनके जाल, नाव और बेड़े क्षतिग्रस्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि जिले में चक्रवात की वजह से नौ लोग मारे गए हैं। जिलाधिकारी कृष्ण कुमार के अनुसार राहत कार्य जल्दी शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने चावल, दाल एवं तेल जैसी जरूरी खाने पीने की चीजों की खरीद को विक्रेंदित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गंजाम के प्रभावित तटीय इलाकों के लिए अब तक 800 क्विंटल चिवड़ा, 3,000 क्विंटल चावल और 1,800 क्विंटल दाल भेज दी गई है। दूसरे राज्यों से करीब 4,000 चावल के ट्रक यहां लाए जा रहे हैं। प्रशासन को प्रभावित इलाकों में डायरिया औ।र दूसरी महामारियों के फैलने की भी आशंका है।

कुमार ने कहा कि हमने तटीय क्षेत्रों के लिए 10 सचल स्वास्थ्य दल गठित किए हैं जो पीने के पानी के स्रोतों को साफ करेंगे। बरहमपुर के बीजद सांसद सिद्धांत महापात्र ने कहा कि प्रशासन प्रभावित लोगों के लिए जल्द से जल्द आजीविका का जरिया सुनिश्चत करने की चुनौती का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि धान की फसल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और अब हम ओड़िशा के तटीय क्षेत्रों के किसानों एवं ग्रामीणों के लिए जीविका का स्त्रोत उपलब्ध कराने की चुनौती का सामना कर रहे हैं। महापात्र ने कहा कि दूसरे पड़ोसी इलाकों में भी धान की फसल बुरी तरह नष्ट हो गई। धान की खेती क्षेत्र के लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 15, 2013, 14:23

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