Last Updated: Monday, December 2, 2013, 10:36
काहिरा : मिस्र के इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी को जुलाई में सत्ता से हटाए जाने के बाद सैन्य समर्थित अधिकारियों ने जिस ‘लोकतांत्रिक बदलाव’ का वादा किया था, उसके प्रथम चरण के तहत देश के नए संविधान के मसौदे को जनमत संग्रह के लिए स्वीकृत कर लिया गया है।
संविधान का मसौदा तैयार करने वाले 50 सदस्यीय पैनल के प्रमुख अम्र मूसा ने कल टीवी पर सीधे प्रसारण में कहा, हमने मसौदे को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, यह मसौदा मंगलवार को (अंतरिम राष्ट्रपति) एडले मंसूर को सौंप दिया जाएगा। मिस्र जिंदाबाद। समीक्षा के बाद तैयार किए गए इस मसौदे में नागरिकों पर विभिन्न मामलों में मुकदमे चलाने सहित सेना की व्यापक शक्तियों का संरक्षण किया गया है। इसपर संभवत: जनवरी में जनमत संग्रह कराया जाएगा।
इससे पहले पैनल ने उस अनुच्छेद को खारिज कर दिया था जिसमें संसदीय और राष्ट्रपति चुनावों का कार्यक्रम अस्थायी तौर पर वर्ष 2014 के मध्य में रखा गया था। इस वजह से संविधान लेखकों को इसका मसौदा दोबारा तैयार करना पड़ा था। मूसा ने दोबारा लिखे गए अनुच्छेद को पढ़ा जिसमें कहा गया है कि पहले चुनावों के लिए प्रक्रियाएं संविधान अपनाए जाने के कम से कम 30 दिन बाद शुरू हो जानी चाहिए लेकिन यह समयावधि 90 दिन से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। दूसरे चुनाव की प्रक्रिया जनमत संग्रह के छह माह के भीतर शुरू हो जानी चाहिए। दोबारा लिखे गए अुनच्छेद में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहले कौन से चुनाव कराए जाएंगे।
पैनल के एक वरिष्ठ सदस्य अब्देल गिलील मुस्तफा ने इजिप्शियन टेलीविजन नेटवर्क को बताया कि पहले चुनावों के बारे में फैसला राष्ट्रपति करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 2, 2013, 10:36