Last Updated: Sunday, January 27, 2013, 08:38

काहिरा : मिस्र में पिछले वर्ष फुटबॉल मैच के बाद हुई हिंसा के मामले में 21 प्रशंसकों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद पोर्ट सैद में हिंसा भड़क उठी जिसमें दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोग मारे गए। काहिरा की अदालत ने पिछले वर्ष फरवरी में फुटबॉल मैच के बाद हुई हिंसा के संबंध में 21 लोगों को मौत की सजा सुनायी। हिंसा में 74 लोग मारे गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि फैसले के बाद जिन क्षेत्रों में हिंसा भड़की वहां सेना तैनात कर दी गई है। जैसे ही सजा की खबर फैली सजा पाने वाले सभी लोगों के परिजन पोर्ट सैद में जेल के सामने एकत्र होने लगे। उन्होंने जेल में जबरन घुसने की कोशिश की जिसके कारण सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई। उन्होंने पुलिस थानों पर हमले किए और जिस जेल में दोषियों को रखा गया था, उस पर धावा बोलने की कोशिश की।
यह हिंसा ऐसे समय में हुई है जब हुस्नी मुबारक के शासन के खात्मे के दो वर्ष पूरे होने पर देश में फिर से अशांति फैल रही है। क्रांति की दूसरी सालगिरह पर हुए संघर्षों में कम से कम नौ लोग मारे गए जबकि 530 घायल हो गए। ‘अल अहरम’ अखबार की खबर के अनुसार, फुटबॉल मैच हिंसा के संबंध में आज सुबह फैसला सुनाए जाने के बाद भड़की हिंसा में दो पुलिसकर्मियों सहित 28 लोग मारे गए हैं और 280 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
सुरक्षा बलों ने जेल में घुसने की कोशिश कर रही गुस्सायी भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पीड़ितों के परिजनों ने फैसला का स्वागत किया। मौत की सजा पाए दोषी पोर्ट सैद के फुटबॉल क्लब अल-मसरी के प्रशंसक हैं जिनपर एक मैच के दौरान काहिरा के क्लब अल-अहली के प्रशंसकों पर हमला करने और उनकी हत्या करने का आरोप है।
गृह मंत्रालय ने एक अन्य बयान में कहा कि मरने वालों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना की टुकड़ियां पोर्ट सैद रवाना हो गई हैं। सरकारी टीवी पर सजा का सीधा प्रसारण किया गया। फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले में अन्य 52 लोगों के खिलाफ नौ मार्च को फैसला देंगे। इन 52 लोगों में नौ सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। मिस्र की परंपरा के अनुसार मौत की सजा पर अंतिम मंजूरी के लिए उसे शीर्ष धार्मिक प्राधिकार ‘मुफ्ती-ए-आजम’ को भेजा जाएगा।
पोर्ट सैद से जुड़ी स्वेज नहर पर सेना ने कब्जा कर लिया है। उन्हें डर है कि इस हिंसा से नहर को क्षति पहुंच सकती है। देश की परिस्थितियों को देखते हुए मिस्र के राष्ट्रपति मुहम्मद मुफ्ती ने अदीस अबाबा में होने वाले अफ्रीकी सम्मेलन में शामिल होने की योजना रद्द कर दी है। मुरसी ने ट्विटर के माध्यम से लोगों से अपील की है कि वे शांत रहें और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 26, 2013, 21:37