Last Updated: Friday, July 5, 2013, 12:46
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नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान जनता को टेलीविजन या लैपटॉप सहित अन्य मुफ्त उपहार देने का वादा नहीं करना चाहिए। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दलों को ऐसा करने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश तय करने को कहा।
न्यायमूर्ति पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि इस तरह के दिशा-निर्देश चुनाव के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा अपने घोषणा-पत्र में जनता को मुफ्त उपहार दिए जाने का वादा लोगों को प्रभावित कर सकता है और इससे निष्पक्ष चुनाव बाधित हो सकता है।
न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा जनता से टेलीविजन तथा लैपटॉप सहित अन्य मुफ्त उपहारों का वादा जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के अंतर्गत एक भ्रष्ट परम्परा है। अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला एक याचिका खारिज करते हुए सुनाया। याचिका में तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी द्वारा मुफ्त में जनता को टेलीविजन दिए जाने का वादा किए जाने को भ्रष्ट परंपरा घोषित करने का अनुरोध किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 5, 2013, 12:46