Last Updated: Monday, January 7, 2013, 09:22
देश की बहादुर बेटी `दामिनी` अब नहीं रही। आखिर क्या कसूर था उसका। क्या उसे जीने का हक नहीं था। दरिंदगी की शिकार दामिनी ने आखिर क्या गुनाह किया था, जो हैवानों ने उसे इतनी बड़ी सजा दे दी। सजा भी ऐसी कि जिंदगी ही छीन ली, जबकि उसके अंदर जीने की भरपूर चाहत थी। इसी चाहत और जिंदादिली की बदौलत वह अपने परिवार के लिए उम्मीदों की नई किरण थी।