Last Updated: Tuesday, March 27, 2012, 13:31
असल में इस दौर में जिस तरह से संसदीय राजनीति में सत्ता के हर रंग को लोकतंत्र का रंग बना दिया गया है उसमें लोकतंत्र ही कैसे ठस हो गई है, यह राजयसभा की तस्वीर उभार देती है। पिछले साल राज्यसभा के कुल 245 सदस्यों में से 128 सदस्य उघोगपति, व्यापारी, बिल्डर या बिजनेसपर्सन रहे।