Last Updated: Saturday, March 15, 2014, 09:17

लंदन : क्रीमिया में मॉस्को के सैन्य दखल और क्रेमलिन शासन के तहत जाने की खातिर यूक्रेन के इस प्रायद्वीप द्वारा सप्ताहांत में कराए जाने वाले जनमत संग्रह की कोशिश से पैदा हुए शीत युद्ध सरीखे संकट को सुलझाने में आज अमेरिका और रूस नाकाम रहे।
अमेरिकी विदेश सचिव जॉन केरी और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव लंदन में इस उम्मीद से मिले कि रविवार को होने वाले रूस समर्थित जनमत संग्रह को टाला जा सके या इसमें देरी की जा सके।
पर अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिए कि वे अब भी यही चाहते हैं कि मॉस्को क्रीमिया को अपने साथ लाने की कवायद रोके । आशंका है कि यदि क्रीमिया रूस के साथ चला गया तो 1989 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद पूर्व और पश्चिम के बीच सबसे बड़ा टकराव पैदा होगा।
बहरहाल, लावरोव ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिम के रूख में अब भी बहुत बड़ा अंतर है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 15, 2014, 09:14