पुतिन ने संधि पर किया हस्ताक्षर, क्रीमिया रूस के नक्शे में शामिल

पुतिन ने संधि पर किया हस्ताक्षर, क्रीमिया रूस के नक्शे में शामिल

पुतिन ने संधि पर किया हस्ताक्षर, क्रीमिया रूस के नक्शे में शामिल मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज यूक्रेन के अंतर्गत आने वाले क्रीमिया क्षेत्र को रूस में शामिल करने संबंधी संधि पर हस्ताक्षर कर दिये तथा कहा कि यह कदम अतीत के अन्याय का खात्मा और रूस के महत्वपूर्ण हितों पर पश्चिमी जगत के अतिक्रमण का जवाब है।

क्रेमलिन से प्रसारित 40 मिनटों के भावनात्मक संबोधन में पुतिन ने कहा, लोगों के दिल और दिमाग में क्रीमिया हमेशा से रूस का अभिन्न हिस्सा रहा है। उन्होंने बीते रविवार को क्रीमिया में हुए जनमत संग्रह की पश्चिम देशों द्वारा की गई निंदा को खारिज कर दिया। इस जनमत संग्रह में क्रीमिया के लोगों ने रूस में शामिल होने का फैसला किया।

पुतिन ने इसके साथ यह स्पष्ट किया कि रूस का यूक्रेन के दूसरे हिस्सों में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, हम यूक्रेन का विभाजन नहीं चाहते। हमें इसकी जरूरत नहीं है। रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन की नयी सरकार और पश्चिम को चेतावनी दी कि वे रूस के हितों का सम्मान करें।

उधर, यूक्रेन की नयी सरकार ने पुतिन को पूरी दुनिया के लिए खतरा करार दिया और अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बायडन ने चेतावनी दी कि अमेरिका एवं यूरोप मॉस्को के खिलाफ आगे भी प्रतिबंध लगाएंगे। बायडन ने पोलैंड में यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में कहा, दुनिया ने रूस की कार्रवाई को देखा और उसके गलत तर्क को खारिज किया है।

पिछले माह यूक्रेन के मास्को समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच को हटाए जाने के बाद क्रीमिया में रूस-समर्थक सेनाओं की मौजूदगी की दुनिया भर में निंदा हुई। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने कल कुछ रूसी अधिकारियों के खिलाफ शुरूआती प्रतिबंध लगा दिए। क्रीमिया को रूस में शामिल करने की प्रक्रिया को उचित ठहराने के लिए पुतिन ने सप्ताहांत पर इस क्षेत्र में हुए जनमत संग्रह को आधार बनाया है। इसमें लगभग 97 प्रतिशत लोगों ने यूक्रेन से अलग होकर रूस का हिस्सा बनने के पक्ष में मतदान किया था।

इस कदम को रूस के भीतर ही भारी समर्थन मिला है। कई हजार लोगों द्वारा पुतिन के भाषण के बाद मध्य मास्को में वी आर टुगेदर (हम साथ-साथ हैं) नारे के साथ रैली करने की संभावना है। रूस में क्रीमिया लंबे समय से छाया हुआ है। 18वीं सदी के अंत से यह प्रायद्वीप रूसी नौसेनाओं का आधार शिविर रहा है। 1954 में सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव के समय यह यूक्रेन का हिस्सा बना था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 18, 2014, 21:43

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