अमेरिका ने मिस्र से कहा, अपने लोगों की चिंताओं का समाधान करो

अमेरिका ने मिस्र से कहा, अपने लोगों की चिंताओं का समाधान करो

अमेरिका ने मिस्र से कहा, अपने लोगों की चिंताओं का समाधान करोवाशिंगटन : मिस्र में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शनों और गहराते राजनीतिक संकट के बीच अमेरिका ने काहिरा से कहा है कि उसे अपने लोगों की सुनने तथा उनकी चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता है क्योंकि लोकतंत्र महज चुनाव कराने तक ही सीमित नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री जॉन केरी ने फोन पर मिस्र के अपने समकक्षों के साथ हुई बातचीत में वहां जारी संकट पर अपना दृष्टिकोण रखा।

विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन प्साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, उन्होंने (केरी) वही संदेश पहुंचाया जो (अमेरिकी) राष्ट्रपति ने अपने समकक्ष को पहुंचाया, जो यह है कि मिस्र के लोगों की बात सुनना महत्वपूर्ण है। हम मिस्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति कटिबद्ध हैं और किसी एक पार्टी या समूह का समर्थन नहीं करते। प्साकी ने कहा, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र का मतलब महज चुनाव कराना नहीं, बल्कि इससे कहीं अधिक होता है।

लोकतंत्र यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि मिस्र के लोगों की आवाज सुनी जाए, और उन्होंने शांतिपूर्ण, स्थिर तथा समृद्ध मिस्र का हमारा संकल्प भी दोहराया । यह उल्लेख करते हुए कि लोकतंत्र को फलने-फूलने में समय लगता है, प्साकी ने कहा कि मुर्सी को इस समय लोगों के नजरिए का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका मिस्र के लोगों की तरफ है तथा इसके अलावा किसी और के पक्ष में नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 3, 2013, 10:50

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