जनमत संग्रह में मुरसी समर्थकों का जीत का दावा

जनमत संग्रह में मुरसी समर्थकों का जीत का दावा

जनमत संग्रह में मुरसी समर्थकों का जीत का दावा काहिरा : मिस्र में राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी के सहयोगियों ने रविवार को दावा किया कि देश की जनता ने नए संविधान से जुड़े विवादास्पद मसौदे के पक्ष में मतदान किया है, जबकि विपक्ष ने मतदान में धांधली और अनियमितताओं का आरोप लगाया है।

मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्यों ने दावा किया है कि उनके आंकड़े से साबित होता है कि मतदाताओं ने संविधान के मसौदे का समर्थन किया। दो चरणों में जनमत संग्रह के पहले चरण का मतदान कल हुआ था।

अनाधिकारिक परिणाम से पता चलता है कि 61 फीसदी लोगों ने मसौदे के पक्ष में मतदान किया है, जबकि 38.7 फीसदी लोगों ने विरोध में राय जाहिर की है। यह स्थिति 58 फीसदी मतों की गिनती के बाद की है।

स्थानीय समाचार पत्र ‘इजिप्ट इंडिपेंडेंट’ के अनुसार राजधानी काहिरा के ज्यादातर मतदाताओं ने मसौदे को खारिज कर दिया है। यहां करीब 57 फीसदी लोग मसौदे का विरोध कर रहे हैं। गारबिया में 52 फीसदी लोग इस मसौदे के विरोध में हैं।

उधर, मिस्र के कई हिस्सों में लोगों का मसौदे को भरपूर समर्थन मिलता नजर आ रहा है। दक्षिण सिनाई में 63 फीसदी, उत्तरी सिनाई में 82 फीसदी, सोहाग में 79 फीसदी, आसिउत में 76 फीसदी, शारकिया में 66 फीसदी और असवान में 74 लोगों ने नए संविधान के मसौदे के अपना समर्थन दिया है। अगले चरण का जनमत संग्रह आगामी शनिवार को है। इसके बाद आधिकारिक परिणाम का एलान किया जाएगा।

राष्ट्रपति मुरसी और उनके सहयोगियों ने इस मसौदे को पेश किया तथा इसके पक्ष में बड़े पैमाने पर प्रचार किया। ज्यादातर उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष पक्षों का कहना है कि यह मसौदा बेहद कमजोर और पूरी तरह से इस्लामी सोच के लोगों के पक्ष में है।

विपक्ष के संगठन ‘नेशनल सालवेशन फ्रंट’ ने कहा कि वह जनमत संग्रह में हुई अनियमितताओं को लेकर चिंतित है। उसका आरोप है कि मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं को आदेश दिया गया है वे ‘हां’ के पक्ष में मतदान करें। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 16, 2012, 15:13

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