जेटली ने 2002 के दंगे पर मोदी के माफी मांगने से किया इनकार

जेटली ने 2002 के दंगे पर मोदी के माफी मांगने से किया इनकार नई दिल्ली : वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने 2002 के गुजरात दंगे पर नरेंद्र मोदी के माफी मांगने से आज स्पष्ट इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें अपने खिलाफ चल रहे छद्म अभियान को तुष्ट करने की जरूरत नहीं है।

जेटली ने सोमवार को यहां विदेशी पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘जो लोग उनसे माफी मांगने की मांग कर रहे हैं, वे चाहते हैं कि माफीनामा ‘कबूलनामा’ हो जाए। यदि उन्होंने कोई गलती की है तो माफी क्यों, उनपर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘कोई किस प्रकार की अभिव्यक्ति करता है, हम पर उस चर्चा कर सकते हैं... (लेकिन) छद्म अभियान को तुष्ट करने के लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत नहीं है।’ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के विश्वस्त समझे जाने वाले जेटली ने कहा कि मोदी को वाकई हिंसा और एक ऐसी व्यवस्था रखने की फिक्र है ताकि दंगा फिर न हो।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि मुसलमानों समेत गुजरातियों ने मोदी के शासन में तरक्की की है और माफी मांगने के लिए उठने वाली आवाजें राज्य के अंदर से नहीं आ रही। उन्होंने कहा, ‘ये (आवाजें) इन अभियानों से आ रही हैं।’


जब जेटली से मोदी को लेकर मुसलमानों में बढ़ती बेचैनी तथा इस बारे में उन्होंने (मोदी) एवं भाजपा ने उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए क्या किया है, के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उसे (भाजपा को) अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, और उनकी आर्थिक प्रगति की फिक्र है। उन्होंने कहा, ‘मोदी जब बार-बार कहते हैं कि शासन का प्राथमिक ग्रंथ भारतीय संविधान होगा, तब वह स्वयं ही सुरक्षा, गैर भेदभाव और उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर आश्वासन देते हैं...यही वजह है कि हमारे विरोधियों द्वारा भय पैदा करने का प्रयास रंग नहीं ला पा रहा है।’

भाजपा नेता ने कहा कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों समेत पूरा देश 2002 के गुजरात दंगे के मुद्दे और मोदी के ‘धुव्रीकरण शख्स’ होने जैसे विषय को काफी पीछे छोड़ चुका है। उन्होंने कहा, ‘मोदी के ध्रुवीकरण करने वाला शख्स होने की पूरी बहस उन लोगों ने 2002 के बाद से छेड़ रखी है जिन्होंने इस आस में उनके खिलाफ निजी अभियान चलाया था कि यह आरोप चिपका रहेगा... किसी भी भारतीय नेता को अदालत के साथ-साथ लोगों की इस तरह की अग्निपरीक्षा से नहीं गुजरना पड़ा है।’

उन्होंने कहा कि जांच में पाक साफ निकलने के बाद भी मोदी के आलोचक कहते हैं कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उन्हें पेश करने से भारत में धर्म के आधार पर धुव्रीकरण होगा। जेटली ने कहा, ‘इसके विपरीत, शासन के मुद्दे पर भारत में धुव्रीकरण हुआ है... यह एक सबूत है जिसमें अल्पसंख्यकों समेत बड़ी संख्या में लोगों को वजह और सच्चाई नजर आ सकती है।’ उन्होंने कहा कि दूसरा दावा, कि भाजपा को सहयोगी नहीं मिलेंगे, भी गलत साबित हुए हैं।

जब उनसे पूछा गया कि भाजपा को कितने मुसलमान वोट मिलने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि उसका लक्ष्य बड़ी संख्या में उन लोगों को साथ लाना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने गुजरात में मुस्लिम बहुल इलाकों में निगम चुनाव में मुसलमानों समेत भाजपा उम्मीदवारों की जीत तथा राजस्थान में चार मुसिलम विधायकों का भाजपा में होना अल्पसंख्यकों के एक बड़े हिस्से के दिल जीतने का सबूत बताया।

मोदी की मीडिया को साक्षात्कार देने की अनिच्छा के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि वह लोगों से किसी भी अन्य भारतीय नेता से ज्यादा संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कुछ साक्षात्कार दिए हैं और मैं निश्चिंत हूं कि वह कुछ और साक्षात्कार देंगे।’ भाजपा पर खासकर सरकार बनने की स्थिति में आरएसएस के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘बतौर राजनीतिक दल, हम अपना निर्णय खुद लेते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, March 31, 2014, 17:50
First Published: Monday, March 31, 2014, 17:50
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