आयोग के रवैये से दुखी आजम ने मुलायम को लिखा खत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और काबीना मंत्री आजम खां ने अपने पत्र के माध्यम से एक बार फिर निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है। आयोग के रवैये दुखी आजम ने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा का इजहार किया है। आजम ने मुलायम को लिखे पत्र में कहा है कि यदि संवैधानिक संस्थाएं ही कमजोरों को अपना दर्द बताने से रोक देंगी और जुबाबंदी कर दी जाएगी तो उसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे।

निर्वाचन आयोग पर बरसते हुए अजाम ने अपने मार्मिक पत्र में लिखा है, नेता जी, सीबीआई के बाद अब इलेक्शन कमीशन ने भी कांग्रेस की हुकूमत के फायदे और नुकसान को सामने रखकर हमारी जुबान बंद कर दी है। कैसा होगा कल का भारत? क्या यूंही नफरत की फसल काटी जाती रहेगी और संवैधानिक संस्थाएं इसी तरह कमजोरों को न्याय से वंचित करती रहेंगी?

मुलायम को लिखे चार पृष्ठ के भावनात्मक पत्र में आजम ने मुसलमानों की पीड़ा को व्यक्त करने की कोशिश की है, दूसरी ओर नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से की है।

आजम ने अपने पत्र में लिखा है कि स्व. राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते बाबरी मस्जिद का ताला खुला, शिलान्यास हुआ और 6 दिसंबर 1992 को कांग्रेस की छत्रछाया में बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया। बात सिर्फ मस्जिद की नहीं है, जो कुछ हुआ वह कानून का खुला उल्लंघन और अराजकता थी, जिसकी निंदा अल्पसंख्यकों से अधिक बहुसंख्यक समुदाय ने की है।

आजम ने पत्र में लिखा है, गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी तंत्र के जरिये जो मुसलमानों का संहार किया, उसके लिए उन्हें इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। वर्ष 1947 में हुए बंटवारे के बाद से ही हम पर आज तक जुल्म होते आ रहे हैं। हम यह सुनते-सुनते आजिज आ गए हैं कि मुसलमान आईएसआई के एजेंट हैं, पाकिस्तानी हैं या देश के गद्दार हैं।

उन्होंने लिखा है, शायद हिंदुस्तानी मुसलमानों का कुसूर यह था कि उन्होंने पाकिस्तान जाने के बजाय अपने वतन में ही रुकने को तरजीह दी, हालांकि रास्ते खुले थे, वे जा सकते थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 18, 2014, 18:25
First Published: Friday, April 18, 2014, 18:25
comments powered by Disqus

ओपिनियन पोल

क्‍या चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना चाहिए?