भोपाल : मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने जमायत उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख मौलाना मेहमूद मदनी के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के बारे में कहा है कि उनके माफी मांगने का सवाल गैरजरूरी है और उन्हें गुजरात दंगों पर माफी मांगने की जरूरत नहीं है।
गौर ने आज यहां एक बयान में कहा कि मदनी का यह बयान मोदी की सियासत के हकीकत पर आधारित है। उनका यह कहना भी मौजू है कि सभी मजहब के लोगों के लिए विकास आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मदनी ने तथाकथित ‘सेक्युलर’ नेताओं की उस आशंका से भी असहमति व्यक्त की है, जिसमें यह कहकर मुस्लिमों को डराया जा रहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से देश बंट जाएगा।
प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक मतदाताओं के सामने मोदी का डर अपनी हार से घबराए नेता और राजनीतिक दलों का पैदा किया हुआ है। इन्हीं लोगों ने मोदी द्वारा मुस्लिम टोपी नहीं पहनने के मुद्दे को उछाला है। उन्होने कहा कि मदनी ने यह भी सही ही कहा है कि जिस तरह वह खुद (मदनी) अपने माथे पर तिलक नहीं लगा सकते, वैसे मोदी द्वारा मुस्लिम टोपी नहीं पहनना उचित है। गौर ने कहा कि कांग्रेस के नेता मुस्लिम टोपी पहनकर ही वोट हथियाते रहे हैं और इस समुदाय के लोगों को विकास के नाम पर ठेंगा दिखाकर बरगलाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मदनी का बयान मोदी की वास्तविक प्रवृत्ति पर आधारित है, जो सभी भारतीयों को एक समान मानते हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 21, 2014, 14:10