बीजिंग : चीन को भारत का पुराना दोस्त बताते हुए भाजपा ने बीजिंग को आश्वस्त करना चाहा है कि वह सीमा विवाद का परस्पर वार्ता से हल निकालने का प्रयास करेगी और पार्टी अगर आम चुनावों में जीतती है तो बेहतर द्विपक्षीय संबंध सुनिश्चित करेगी।
भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा, अधिकतर देशों में सरकार बदलने से विदेश नीति में बदलाव नहीं आता। जहां तक चीन का सवाल है तो वह हमारा पुराना दोस्त है। दोनों देशों की आर्थिक स्थिति एक-दूसरे के विश्वास पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि पहले की भाजपा नीत वाजपेयी सरकार के चीन एवं अन्य देशों से अच्छे रिश्ते थे।
नकवी ने कहा, अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम चीन से बेहतर रिश्ते सुनिश्चित करेंगे। यह पूछने पर कि क्या अगर भाजपा चुनावों में जीतती है तो वह सीमा मुद्दे पर चीन के साथ संघर्ष वाला रवैया अपनाएगी तो नकवी ने कहा, हम उदार राष्ट्र हैं। हमारी प्राथमिकता हर मुद्दे का समाधान सौहार्दपूर्ण वार्ता के जरिए ढूंढना है। नकवी का साक्षात्कार तब आया है जब चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में राजग की सरकार बनने की संभावना जताई गई है।
नयी दिल्ली में मोदी के सत्ता में आने की संभावना से चीन में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एक तरफ जहां अधिकारी वर्ग में मोदी को सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने दो बार चीन की यात्रा की और कुछ शीर्ष चीनी प्रतिष्ठानों ने गुजरात में निवेश किया हुआ है, वहीं कुछ लोगों को आशंका है कि राजनीतिक रूप से वह चीन के प्रति कड़ी नीति अपना सकते हैं खासकर सीमा मुद्दे पर।
अरूणाचल प्रदेश में फरवरी में मोदी की चुनावी रैली को लेकर चीन ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी। रैली में मोदी ने कहा था कि बीजिंग जिस राज्य के दक्षिणी तिब्बत होने का दावा करता है वह भारत का अभिन्न अंग है और अभिन्न अंग रहेगा और कोई भी शक्ति इसे हमसे नहीं छीन सकती। मोदी ने कहा था कि चीन को अपनी विस्तारवादी नीति छोड़ देनी चाहिए और दोनों देशों की शांति, प्रगति एवं समृद्धि के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने चाहिए। चीन अरूणाचल प्रदेश के दक्षिणी तिब्बत होने का दावा करता है और दोनों देशों के बीच 4000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास इसे विवादित क्षेत्र मानता है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 22, 2014, 18:58