नई दिल्ली : मुस्लिम समुदाय का वोट नहीं बंटने के लिए सोनिया गांधी की जामा मस्जिद के शाही इमाम के साथ बैठक को लेकर भाजपा ने बुधवार को चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। पार्टी ने इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि इस तरह की बैठक का उद्देश्य चुनावों का ध्रुवीकरण करना है और इससे सांप्रदायिकता की आग भड़क सकती है। भाजपा ने आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में कहा, ‘हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग इन बातों का गंभीर संज्ञान लेगा और एहतियाती कदम उठाएगा ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के इसके प्रयास में बाधा पहुंचाने वाले सफल नहीं हो पाएं जिनका उद्देश्य सांप्रदायिक आग को भड़काना है।’
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी और चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक आर. रामाकृष्ण ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के पैरा-1 के मुताबिक, ‘वोट पाने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं होनी चाहिए। मस्जिद, गिरिजाघर, मंदिर या अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के फोरम के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।’
भाजपा ने कहा, ‘इस तरह की संभावनाएं भी हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अपशब्दों एवं अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से माहौल विषाक्त हो रहा है जैसे ‘जहर की खेती’ (सोनिया गांधी), ‘बोटी बोटी काटना’ (इमरान मसूद), ‘आग लग जाएगी’ (आप के योगेन्द्र यादव)।’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इससे पहले कहा था कि इस सिलसिले में चुनाव आयोग किसी भी शिकायत का संज्ञान लेगा लेकिन इसे कोई शिकायत नहीं मिली है। भाजपा ने चुनाव आयोग से स्वत: संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की क्योंकि ये टिप्पणियां आम सभाओं में की गईं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 3, 2014, 23:59