नई दिल्ली : आम चुनाव के करीब आने के बीच इस दौरान होने वाले अनुमानित 30 हजार करोड़ रूपये खर्च की एक तिहाई से अधिक की राशि ‘कालाधन’ हो सकता है। एक अध्ययन में यह बात कही गई है। इस चुनाव में खर्च होने वाली अनुमानित 30 हजार करोड़ रूपये की राशि भारत में किसी भी चुनाव में सर्वाधिक है।
शोध संस्था सीएमएस के अध्ययन के मुताबिक, विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 8 हजार से 10 हजार करोड़ रूपये खर्च करने का अनुमान है। उम्मीदवार निजी तौर पर 10 हजार से 13 हजार करोड़ रूपये खर्च कर सकते हैं। इन आंकड़ों में आधिकारिक और बिना लेखा के होने वाला खर्च शामिल है।
अध्ययन के बारे में सीएमएस के अध्यक्ष एन भाष्कर राव ने कहा कि चुनाव में करीब 30 हजार करोड़ रूपये खर्च हो सकते हैं जिसमें से करीब एक तिहाई कालाधन है और इनमें से बड़ी राशि का वोट के लिए नोट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में जहां 81.4 करोड़ मतदाताओं में 30 हजार करोड़ रूपये की राशि को खर्च करने पर यह प्रति मतदाता 400 रूपये आता है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें मीडिया अभियान का खर्च करीब 25 प्रतिशत है। दलों का चुनाव पूर्व खर्च 20 से 25 प्रतिशत, कार्यकर्ताओं पर खर्च 10 से 12 प्रतिशत, मतदाताओं को एकजुट करने का खर्च 10 से 12 प्रतिशत आता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 19:09