
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लोकसभा के छठे और अंतिम चरण में आगामी 12 मई को मतदान के दौर से गुजरने जा रही वाराणसी और आजमगढ़ सहित पूर्वाचल की 18 सीटों के लिए प्रचार अभियान का शोर शनिवार शाम छह बजे समाप्त हो गया।
चुनाव के इस चरण में तीन करोड़ से अधिक मतदाता भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सहित कुल 328 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। चौथे चरण में डुमरियागंज, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, आजमगढ़, घोसी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, मछलीशहर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज लोकसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे।
वर्ष 2009 में इनमें से छह सीटें सपा ने जीती थीं। इसके अलावा पांच सीटें बसपा, चार भाजपा और तीन सीटें कांग्रेस की झोली में गयी थीं। इस बार सबसे दिलचस्प मुकाबला मंदिर नगरी वाराणसी में है, जो नरेन्द्र मोदी के मैदान में उतरने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। यहां मोदी को चुनौती देने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहले ही प्रयास में पार्टी को मिली शानदार कामयाबी के बाद से सुखिर्यों में बने हुए हैं।
कांग्रेस ने वाराणसी से स्थानीय नेता अजय राय को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में नंबर दो पर रहे कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी ने खुला समर्थन देकर चुनावी रण को और रोचक बना दिया है। सपा की तरफ से पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया ताल ठोक रहे हैं।
वाराणसी में मोदी और केजरीवाल तो पूरे दमखम के साथ मौजूद हैं ही , प्रचार के अंतिम दिन राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रोडशो से चुनावी माहौल में थोड़ा और रंग डाल दिया। वाराणसी से सटी आजमगढ़ सीट सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के मैदान में होने के कारण चर्चा में है और यहां उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद रमाकांत यादव और बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली से होता लग रहा है।
मुलायम आजमगढ़ के अलावा अपनी परंपरागत सीट मैनपुरी से भी चुनाव मैदान में हैं, जहां 24 अप्रैल को मतदान हो चुका है। आजमगढ़ से सटी घोसी सीट कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान और माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के मैदान में होने से तो जौनपुर सीट कांग्रेस के टिकट पर भोजपुरी अभिनेता रविकिशन और निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में उतरे `माफिया` और पिछली बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीते धनंजय सिंह की वजह से चर्चा में है।
गोरखपुर सीट लगातार पांचवी जीत दर्ज करने उतरे भाजपा के योगी आदित्यनाथ की वजह से तो कुशीनगर सीट केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह के मैदान में होने के कारण चर्चा में है, जहां उन्हें भाजपा के राजेश पांडेय उर्फ गुडडू पांडेय से चुनौती मिल रही है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले जगदंबिका पाल ने इस बार पाला बदल भाजपा के टिकट पर मैदान में आकर जहां डुमरियागंज लोकसभा सीट को चर्चा में ला दिया है और यहां मोदी लहर की असली परीक्षा है। निगाहें बलिया पर भी हैं, जहां पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर सपा के उम्मीदवार के रुप में अपनी सीट बचाये रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
चंदौली, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज सीटें नामीगिरामी उम्मीदवारों से भले ही महरुम हों, इन इलाकों में नक्सली प्रभाव के कारण सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। मिर्जापुर में तो भाजपा की सहयोगी अपना दल की अध्यक्ष सुप्रिया पटेल मैदान में हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 10, 2014, 20:52